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Sneha Bhatiya

Student ( Makhan Lal Chaturvedi University ,Bhopal) | Posted on | Entertainment


Manto Trailer के बाद ही इस biopic को विभिन्न film festival में क्यों चुना गया ?


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Creative director | Posted on


सआदत हसन मंटो की ज़िन्दगी पर बनी फिल्म Manto अपनी रिलीज़ से पहले ही सुर्खियों में आ चुकी है | यह फिल्म अपने समय की बड़ी फिल्म में गिनी जा सकती है जिसके पीछे अनेक कारण है जो इसको खास बनाते है | फिल्म का trailer हाल ही में रिलीज़ हुआ है और फिल्म Cannes film festival और Toronto International Festival में screening के लिए चुनी जा चुकी है | नंदिता दास जो Manto की निर्देशक हैं Cannes film festival में jury के लिए चुनी गयी तीसरी भारतीय महिला बन चुकी हैं | पहली और दूसरी महिला अरुंधति रॉय और ऐश्वर्या राय थी | नंदिता दास ने अपने ट्वीट के द्वारा अपनी ख़ुशी ज़ाहिर की |


Letsdiskuss picture courtesy -BookMyShow


सआदत हसन मंटो उर्दू लघु कथा लेखक थे जिनकी लघु कथाएँ उनके समय से कहीं आगे तक की थी | मंटो की कहानियाँ समाज के बड़े हिस्से के लिए अस्वीकार्य थी | प्रायः लोगो का कहना था की मंटो की कहानियाँ अश्लील है जिसका कारण उनके द्वारा वैश्याओ के जीवन के इर्द गिर्द घूमती कहानियाँ थी | मंटो इन सभी आलोचनाओं के बावजूद अपनी कहानियाँ लिखने में जुटे रहे और शायद यही कारण हैं की महान लेखकों में उनका नाम गिना जाता है | मंटो आज़ादी से पहले बम्बई ( मुंबई ) में रहते थे और 1947 की आज़ादी के बाद लाहौर में | मंटो का कहना था "यदि आप मेरी कहानियों को सहन नहीं कर सकते हैं, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि हम असहनीय समय में रहते हैं।



सआदत हसन मंटो की बायोपिक 21 सितम्बर ,2018 को रिलीज़ होगी | इस बायोपिक में मंटो का किरदार नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी निभायेंगे | रसिका दुग्गल मंटो के पत्नी सफिया और रश्मि देशपांडे मंटो की दोस्त और लेखिका इस्मत चुग़ताई के किरदार में नज़र आएँगी | फिल्म में ऋषि कपूर , परेश रावल और पूरब कोहली भी मुख्य किरदारों में दिखेंगे | यह कहानी मंटो के जीवन के 5 वर्षो पर आधारित होगी जिसमे दो वर्ष आज़ादी के पहले के और तीन वर्ष आज़ादी के बाद के दिखाए जायँगे | कहानी में मंटो के जीवन का महत्वपूर्ण समय दिखाया जायगा जिसमे उन्हें तारीफे भी मिलती हैं और आलोचनाएं भी | नंदिता दास का कहना है की “ ऐसा बहुत कुछ है मंटो की कहानी में जो वर्तमान समय से मेल खाता है , सत्तर साल बाद भी समाज में कुछ खास बदलाव नहीं हुए हैं ,आज भी लोग अपनी अभव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए किसी न किसी तरह लड़ ही रहे हैं "|

Manto का trailer देखकर तो उम्मीदें यही हैं की यह फिल्म सदी की बड़ी फिल्मो में से एक साबित होगी क्योंकि यह कोई ऐसे वैसे व्यक्ति की कहानी नहीं है "मंटो" की कहानी है | नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी के शब्दों में " सआदत हसन अब नहीं है परन्तु "मंटो" यही हैं और हमेशा रहेंगे " |

picture courtesy -India Today


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