भारत में प्रमुख मंदिरों को तोड़कर बनायी गयी मस्जिदों और इमारतों की सूची।
बाबरी पर छाती पीटने वाले क्या कभी इस लम्बी सूची को देखेगे ???
भारत ने सदियों से विदेशी आक्रमण सहे हैं जिस कारण भारत की संस्कृति - सभ्यता और धरोहरों का विश्वंस के घाव आज भी जीवंत हैं।
इसी कड़ी में भारत में कई ऐसे प्रसिद्ध मंदिर व् भवन थे जिन्हें तोड़कर या तो आक्रमणकारियों ने अपने मस्जिद बना दिए या उनमें परिवर्तन करके उन्हें अपनी इमारते बनाने की कोशिश की
आज हम आपको बताते है वो सभी भवन के बारे में जो कभी मंदिर थे पर बाद में विदेशी आक्रमणकारियों ने उन्हें तोड़ दिया या उनमे मस्जिद में बदल दिया।
कूल 1,37,000 #एक_लाख_सैंतीस_हजार मन्दिर ध्वस्त किया गया सम्पूर्ण भारतवर्ष में
20 लाख से अधिक छोटी बड़ी हर तरह की मंदिरे हुआ करती थी जहा जहा इस्लामिक मलेच्छों की शक्ति वृद्धि होती थी धार्मिक स्थलों पर आक्रमण करते थे 1500 ईस्वी से इस्लामिक आक्रमणकारियों की शक्ति वृद्धि हुआ भारत में एवं अपने आस पास क्षेत्र के सभी हिन्दू धार्मिक स्थल को तोड़ता गया जैसे प्रमुख मंदिरों की सूचि बनती हैं 500 से अधिक विश्व प्रसिद्ध मंदिर ध्वस्त कर के मस्जिद मैं तब्दील किया गया
1) सूर्य मंदिर, कश्मीर
2) कृष्ण जन्मभूमि, मथुरा
3) काशी विश्वभनाथ, बनारस
4) ढाई दिन का झोपड़ा , अजमेर
5) आगरा का किला : उत्तरप्रदेश
6) कुतबमिनार, दिल्ली
7) ताज महल, आगरा
? लाल किला, दिल्ली
9) आदिनाथ मंदिर वर्तमान अदीना मस्जिद
10) रुद्रमहालया मंदिर
11) मांडव इन्दौर से लगभग 90 किमी दूर है
12) भोजशाला
13) भद्रकाली मंदिर तोड़ कर जामा मस्जिद में परिवर्तित किया गया कर्णावती शहर (अहमदाबाद)
14) चार मीनार भाग्यलक्ष्मी मंदिर को तोड़कर बनाया गया हैं हैदराबाद
15) अयोध्या में राम मंदिर परिवर्तित बाबरी मस्जिद
16) हिंदू मंदिर कंबोडिया देश के अंगकोरवाट
इत्यादि इत्यादि इत्यादि अनेकों अनेक मंदिर यह तो केवल हिन्दुस्थान के कुछ मंदिरों की सूची हैं पाकिस्तान
बांग्लादेश , इंडोनेशिया मिलाकर एक लाख से अधिक मंदिरों को लूटा गया ध्वंश किया गया एवं आज भी हिन्दुस्थान , पाकिस्तान , बांग्लादेश मुस्लिम बहुल देशो एवं राज्यो में हिन्दू धार्मिक स्थलों को तोड़ा जाता हैं
क्योंकि कुछ लोग यहां आए थे जिन्हें यह आपको भारत में लगभग आज भी क्या बदला है आज भी वही लोग फिर से वही सवाल लेकर तैयार खड़े हैं
आप मंगलसूत्र क्यों पहनते हैं ?
आप दीपक क्यों जलाते हैं ?
आप शंख क्यों बजाते हैं ?
आप घंटी क्यों बजाते हैं ?
आप मंदिर क्यों जाते हैं ?
आप गाय को क्यों पुजते हैं ?
आप वृक्षों को क्यों पुजते हैं ?
आप नदियों को क्यों पुजते हैं ?
आप केवल उनके सवालों का जवाब देते रहते हैं लेकिन आखिर कब तक आप उनके सवालों का जवाब देंगे ना ही तो उनको आपकी ये परंपराएं पसंद है ना ही आपकी यह संस्कृति
अगर आपको यह लगता है कि वह केवल आपसे यह सवाल पूछ रहे हैं अनजाने में तो आप गलत है अभी वह केवल आपसे सवाल पूछ रहे हैं जल्द ही वह इन्हें खत्म करने की भी तैयारी कर रहे हैं
आपको समझना पड़ेगा कि वह इस भूमि को कभी भी अपनी मातृभूमि नहीं मानते ना ही आपके संस्कृति को अपना
आपको चाणक्य की बातों को याद करना चाहिए कि कितने सालों पहले ही चाणक्य ने इस बारे में बता दिया था कि अगर बाहरी लोगों को यहां आने दिया तो वह अपने आप को यहां आपके बीच में सुरक्षित करने के लिए सबसे पहले आपकी व्यक्ति से व्यक्ति को जोड़ने वाली संस्कृति पर वार करेंगे उस पर आए दिन सवाल खड़े करेंगे
देखिए आज वही फिर से होने लगा है वही सवाल फिर से हमारे बीच में है
और हम क्या कर रहे हैं या तो जाने अनजाने में हम उनके सवालों का जवाब देते हैं या फिर किसी पार्टीवाद की वजह से हमारे बहुत से लोग इन लोगों के साथ खड़े हो जाते हैं
आपको यहां समझना पड़ेगा कि यह लोग सबसे पहले हमारे समाज को तोड़ते हैं समाज जब टूटता है तो धर्म का पालन भी कम हो जाता है और जब धर्म आगे नहीं बढ़ता तो संस्कृति भी रुक जाती है और जब संस्कृति रूकती है तो राष्ट्र को मिटने से कोई नहीं रोक सकता और जब राष्ट्र नहीं रहेगा तो फिर आप कहां से बचेंगे आप चाहे किसी भी जाति से हो किसी भी पार्टी से हो फिर आप भी नहीं बचने वाल