इस संसार में अनेकों रिश्ते विद्यमान हैं। और मानव जन्म से मृत्यु तक इन रिश्तो के साथ जुड़ा रहता है। भगवान के आशीर्वाद व माता-पिता के सहयोग से मानव का जन्म होता है। जन्म से उसे सबसे ज्यादा प्रेम अपने माता-पिता द्वारा ही मिलता है। और युवा होने पर उसे अपनी जीवनसाथी से प्यार मिलता है। फिर वह अपनी जीवनसाथी से मिलकर अपने सामान शिशु को जन्म देता है। और वृद्धावस्था में उसे अपनी संतान आदि से प्रेम मिलता है। जीवन की अलग-अलग अवस्था में उसे अलग-अलग रिश्तो के द्वारा प्रेम मिलता है। परंतु कोई भी रिश्ता उसके जन्म से लेकर मृत्यु तक उसके साथ ही रहता। परंतु भगवान के साथ भक्ति का वह रिश्ता है जो मानव के साथ जन्म से लेकर मृत्यु तक रहता है। और यह रिश्ता सबसे ज्यादा पवित्र है।