आज कल का समय और जीवन दोनों ही बहुत व्यस्त हैं | लोग अपने जीवन को कैसे जी रहें हैं, वो खुद नहीं जानते | सुबह से शाम कब हो जाती है, उन्हें पता ही नहीं चलता | आज के समय में आप किसी से यह पूछें की आपके कितने मित्र हैं, वो बता देंगे, परन्तु आप उनसे पूछों की वो कितनो से मिल पाते हैं, तो इसका जवाब उनके लिए थोड़ा मुश्किल हो जाता है |
अकेला पन और बुरे विचार से कैसे बचा जा सकता है, जितना ये सवाल दिलचस्प है, उतना ही इसका जवाब मुश्किल है | इंसान अकेला कब होता है ? या बुरे विचार उसके दिमाग में कब आते हैं ? यह निर्भरइस बात पर करता है, कि मनुष्य की वर्तमान स्थिति क्या है ? मनुष्य के जीवन में दुःख अधिक हो तो इंसान खुद को अकेला महसूस करता है, और जब इंसान खुद को अकेला मसहूस करता है, तब उसके दिमाग में बुरे विचार आते ही है |
कैसे बचा जाएं :-
- इंसान को जब भी अकेलापन महसूस हो, तो वो किसी काम में खुद को व्यस्त कर लें, जो उसको पसंद हो | इससे वह अकेलेपन और बुरे विचार दोनों से दूर रहेगा |
- आप कुछ देर के लिए कहीं बहार घूमने जा सकते हैं | इससे थोड़ा माहौल में बदलाव होगा तो आपको अच्छा लगेगा |
- अपने विचरों के प्रति हमेशा सचेत रहें, ताकि आप बुरे और अच्छे विचारों में फर्क कर सकें |
- जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते है, अपने आप को मजबूत बनाएं, ताकि आप जीवन की हर स्थिति के लिए सदैव तैयार रहें |
- जब भी बुरे ख्याल मन में आएं, तो कभी नींद नहीं लेना चाहिए | नींद सिर्फ शरीर की थकान को दूर करता हैं, न कि मानसिक थकान को |
अकेलेपन में हम बेशक अकेले होते हैं, और हमें लगता है कि इस दुनिया में ऐसा कोई भी नहीं जो हमारा साथ दे सके | पर सच्ची यही है, कि हम कभी अकेले नहीं होते, हम खुद के साथ होते हैं, और खुद के साथ होना किसी और के साथ होने से है ज्यादा बेहतर होता है |