वाराणसी में मोदी के सामने कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं दिख रहा है क्या मोदी को टक्कर देने वाला कोई नहीं है? - letsdiskuss
Official Letsdiskuss Logo
Official Letsdiskuss Logo

Language



Blog

A

Anonymous

pravesh chuahan,BA journalism & mass comm | Posted on | news-current-topics


वाराणसी में मोदी के सामने कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं दिख रहा है क्या मोदी को टक्कर देने वाला कोई नहीं है?


0
0




pravesh chuahan,BA journalism & mass comm | Posted on


मजबूत उम्मीदवार दिखेगा कैसे उम्मीदवारों का नामांकन ही रद्द करवा दिया जाता है. जब टक्कर देने वाला कोई मिला तो उसके नामांकन में अक्षर छोटे बड़े होने की बात कहकर उसको बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है| टककर तो कोई तब दे पाएगा ना जब उसको चुनाव लड़ने दिया जाएगा.आपने यह तो सुना ही होगा की 'मोदी है तो मुमकिन है' आज मैं आपको अच्छी तरीके से इस बात का पूरा मतलब समझाउंगा आखिर क्यों मोदी जी बार-बार यह डायलॉग बोलते थे कि नामुमकिन अब मुमकिन है.पहले क्यों नहीं मुमकिन था क्या मोदी जी भगवान है.जो नामुमकिन को मुमकिन कर देते हैं.यह पूरा मामला जानने के लिए इस पूरी खबर को जरूर पढ़ें

वाराणसी में आप चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.क्योंकि अगर आप मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे तो मोदी के हाथों की कठपुतली बन चुका चुनाव अयोग आप का नामांकन रद्द कर देगा ऐसा भी कह सकते हैं कि लोकतंत्र की हत्या कर देगा| बीएसएफ के रिटायर जवान तेज प्रताप यादव के साथ भी ऐसा ही हुआ है.आपको यह जानकर हैरानी होगी कि केवल तेज प्रताप ही नहीं और भी बहुत से छोटे उम्मीदवार थे जिन्होंने पर्चा तो भरा लेकिन नामांकन रद्द हो गया फर्जी हिंदू राष्ट्रवाद का नाटक दिखाने वाले मोदी जी के सामने संत समाज का उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहा था. लेकिन उनका नामांकन भी रद्द कर दिया जाता है| यह पूरा मामला अभी के लोकसभा चुनाव में ही देखने को मिल रहा है ऐसा पहले कभी बिल्कुल नहीं होता था|

चुनाव आयोग का नामांकन रद्द करने का बहाना जानकर आप अपना सर पकड़ लेंगे.अगर नामांकन रद्द करना ही था बहाना तो कोई अच्छा ढूंढ लेते मूर्ख चुनाव आयोग को नामांकन रद्द करने का बहाना भी कोई ढंग का नही मिला| चुनाव आयोग के मुताबिक अगर नामांकन भरते वक्त आप के अक्षर छोटे या बड़े हो जाते हैं तो आप का नामांकन रद्द कर दिया जाएगा चुनाव आयोग की हरकतें बिल्कुल छोटे बच्चों वाली लग रही हैं| चुनाव आयोग को इतना भी नहीं पता है कि नामांकन भरते वक्त जो एफिडेविट लगता है वह एफिडेविट उम्मीदवार अपने घर से बना कर नहीं लेकर आता हैं| वकील खुद एफिडेविट बना कर देता है| ताकि नामांकन रद्द ना हो सके.उम्मीदवारो के वकीलों का कहना है कि नामांकन रद्द होना चुनाव आयोग के कठपुतली बनने को दर्शाता है| आपको बता दें कि बीजेपी कि नेता स्मृति ईरानी के पास कोई भी डिग्री नहीं है लेकिन जब जब उन्होंने नामांकन भरा तब तब कभी बी ए फाइनल बताती हैं, कभी बीकॉम फर्स्ट ईयर कंप्लीट बताती हैं ,तो कभी कहती है कि मैं 12वीं तक ही पढ़ी हूं.लेकिन इन मोहतरमा का नामांकन रद्द नहीं करना चाहिए इनका पूरा का पूरा करियर खत्म कर देना चाहिए. लेकिन चुनाव आयोग ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि यह बीजेपी की महान उम्मीदवार हैं सोचिए अगर जब यह मोहतरमा चुनाव लड़ सकती हैं| तो क्या अक्षर छोटे बड़े होने से कोई चुनाव नहीं लड़ सकता है|नामुमकिन अब मुमकिन है अभी तक तो यही समझ में आ रहा है. आज यह इन उम्मीदवारों के साथ हो रहा है कल आपके साथ भी हो सकता है|

Letsdiskuss


0
0