कुचला क्या होता है? इसे खाने से क्या हो सकता है? - letsdiskuss
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Aayushi Sharma

Content Coordinator | Posted on | Food-Cooking


कुचला क्या होता है? इसे खाने से क्या हो सकता है?


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कुचला एक औषधीय पौधा होता है जिसका वैज्ञानिक नाम Strychnos nuxvomica होता है। कुचला पौधे की लम्बाई लगभग 2-4मीटर होती है, कुचला पौधे के अंदर गोलाकार कई सारे बीज पाये जाते है कुचला पौधे की पत्तियाँ जामुन की तरह होती है और इसके फूल नीले रंग होते है तथा फल पकने के बाद पीले रंग के हो जाते है। कुचला पौधे के बीज यदि कोई व्यक्ति गलती से खा लेता है तो उस व्यक्ति की मौत हो सकती है, क्योकि कुचला पौधे के बीज बहुत ही जहरीला होता है।Letsdiskuss

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आइए आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताते हैं कि आखिर कुचला होता क्या है और इसे खाने से क्या हो सकता है। दरअसल कुचला एक पौधा होता है जिसका वैज्ञानिक नाम स्त्रीचनोस नुक्सवोमिका है। इस पौधे की लंबाई 1 मीटर होती है इस पेड़ की पत्तियां जामुन जैसी होती है इसका फल अमरूद की तरह छोटा होता है जो पकने के बाद पीले रंग का हो जाता है इस फल के अंदर चार से पांच बीज पाए जाते हैं। कुचला एक विषैले फल का बीज है जिससे nux-vomica दवाई बनाई जाती है। जिसके सेवन से लोगों की मृत्यु हो सकती है।Letsdiskuss


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Content writer | Posted on


आपको बता दें की कुचला एक पौधा है जिसे वैज्ञानिक तौर पर Strychnos nuxvomica के नाम से जाना जाता है।इतना ही नहीं बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सक इसे कुचला के नाम से जानते हैं । इसका पौधा करीब-करीब एक मीटर तक लंबा और इसकी पत्तियाँँ जामुन जैसी फूल नीले सफेद ,फल छोटा अमरूद जितना पाया जाता है। कुचला के फल में 4 -5 बीज होते हैं जो गोलाकार लगभग 1 इन्च के और 1–2 मिली मोटे होते है जो इन बीजों के ऊपर लाल रंग का बीज आवरण होता है।

यह एक विषैले फल का बीज होता है जो विषैला होता है।जिससे आयुर्वेदिक नक्सवोमिका दवाई बनाई जाती हैं और आयुर्वेदिक चिकित्सक पक्षाघात, संधि वात और शरीर में गैस विकार, कृमिनाशक दवाएं बनाते हैं विषाक्त गुँण की तीव्रता को ध्यान रखते हुए,इस के विषैले पन के गुँण को विशेष औषधीय कर्म से न्यूनतम किया जाता है ।कुचला एक जहरीले पौधे का फल होता है जिसे कुत्ता विष /डोग किलर्स के नाम से जाना जाता है । इसके अलावा कुचला शोधन या कुचला मारण कहते हैं।

शारंगधर संहिता चिकित्सा ग्रंथ के अनुसार यह पितज प्रकृति का जहर होता है ( हीमोटोकसिक )जो रक्त संचालन तंत्र और पाचनतंत्र पर असर करता है यदि किसी ने भी इसे बिना शोधन किए इसके जहर अंश को मारे बिना खा लिया और वह पितज प्रकृति के शरीर वाला है तो उसका मरना तय है अगर वह वातज प्रकृति के शरीर का है तो उसकी चिकित्सा कठिन है मरने की संभावना ज्यादा है, यदि विष भक्षण कर्ता कफज शरीर का है तो उचित समय पर उचित चिकित्सा से उसका जीवन कठिनता से बच सकता है ।

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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | Posted on


कुचला पौधा एक विषहर औषधि पौधा माना जाता है। कुचला पौधा एक ऐसी औषधि है जिसका ना केवल बीज का उपयोग किया जाता है बल्कि इसके पत्ते,फूल का भी उपयोग होता है।कुचला पौधा के बीजों का उपयोग व्यक्ति के अनेक प्रकार के रोगों जैसे - मधुमेह, भावनात्मक विकार, हिस्टीरिया, मिर्गी, अंदरूनी बुखार, गठिया रोग ,हाइड्रोफोबिया, नपुंसकता, अनिद्रा की समस्या , लकवाग्रस्त और तंत्रिका से जुड़ी हुई आघात और पेशाब संबंधी समस्याओं के लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता है।Letsdiskuss


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यदि आप नहीं जानते हैं कि कुचला क्या होता है और इसे खाने से कौन से फायदे प्राप्त होते हैं। तो आप चिंता मत करिए आज मैं आपके इस समस्या का समाधान लेकर आई हूं। आज मैं आपको यहां पर कुचला से जुड़ी समस्त जानकारी देने वाली हूं। सबसे पहले मैं आपको बताऊंगी कि कुचला क्या होता है और फिर इसके बाद इसे मिलने वाले फायदे इसका उपयोग करने की विधि के बारे में बताऊंगी। इसलिए आप मेरे लेख को एक बार पूरा अवश्य पढ़े।

कुचला क्या है :-

कुचला एक प्रकार का औषधीय पौधा है। इसमें बहुत से औषधि गुण पाए जाते हैं।और यह एक सदाबहार पौधा है। इस पौधे का सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाला भाग इसके बीज है। इसका स्वाद कड़वा और इसकी गंध काफी तीखी होती है। इसका इस्तेमाल बहुत सी बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है। कुचला एक बहुत ही विषैला पौधा होता है इसके सेवन से लोगों की जान जा सकती है।

चलिए हम आपको बताते हैं कि कुचला खाने से क्या होता है :-

यदि किसी व्यक्ति की गठिया में दर्द बना रहता है तो ऐसे में कुछ लेकर तेल को पैरों पर लगाकर मालिश करने से गठिया रोगों को ठीक किया जा सकता है।

जिन लोगों को अंदरूनी बुखार होती है उन लोगों को कुचले के बीच का सेवन करना चाहिए इसके सेवन से किसी भी प्रकार की बुखार को जड़ से खत्म किया जा सकता है।

जिन लोगों को मिर्गी मारती है उन लोगों को कुचला के बीजों का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसके बीज में मिर्गी की समस्या को ठीक करने का समाधान पाया जाता है।

इस प्रकार कुचला के बीजों का सेवन करने के कई सारे फायदे हैं जो कि मैं आपको बता दिए हैं लेकिन इसका सेवन बहुत ही सावधानी पूर्वक करना चाहिए।

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