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अविकारी शब्द किसे कहते हैं इसे जानने के लिए अविकारी शब्द का अर्थ समझना जरूरी है।
अ+विकार+ ई = अविकारी
इसमें मूल शब्द विकार है। विकार का मतलब बदलाव। यानी ऐसे शब्द जिसका बदला हो लेकिन यहां पर अ उपसर्ग लगा है। और ई प्रत्यय लगा है। तो अविकारी शब्द का अर्थ हुआ जिसका बदलाव किसी भी हालत में ना हो उसे अविकारी शब्द कहते हैं।
तो अविकारी की परिभाषा हिंदी व्याकरण के अंतर्गत इस तरह से होगी जो आप समझ सकते हैं-
ऐसे शब्द जो लिंग वचन और कारक के प्रभाव के कारण उन में कोई बदलाव नहीं होता है ऐसे शब्द अविकारी शब्द कहलाते हैं। लेकिन इसके विपरीत जिन शब्दों में विकार उत्पन्न हो जाता है लिंग वचन और कारक के अनुसार उसे विकारी शब्द कहते हैं।
दोस्तों इसे उदाहरण से समझिए।
अविकारी और विकारी शब्द को समझाने के लिए आपसे एक क्वेश्चन पूछेंगे और उसके अनुसार आप इसके बारे में अच्छे से जान सकते हैं।
कोई एक जातिवाचक संज्ञा बताइए?
लड़का
यह संज्ञा शब्द लिंग वचन और कारक के कारण बदल जाता है इसलिए यह विकारी शब्द है जैसे
लड़का का बहुवचन लड़के
लड़का का लिंग परिवर्तन लड़कियां
लड़का का कारक चिन्ह पर परिवर्तन लड़कों ने
तो इस तरह आपने देखा कि संज्ञा शब्द एक विकारी शब्द है इसी तरह से आप लड़कियां, महिला, खिलौना शब्द विकारी शब्द है।
अविकारी शब्द से शब्द जिन पर लिंग वचन और कारक का प्रभाव नहीं पड़ता है।
जैसे क्रिया विशेषण शब्द है धीरे-धीरे यानी यह रीतिवाचक क्रिया विशेषण है इस वाक्य में हम प्रयोग करते हैं फिर भी यहां लिंग वचन कारक के कारण इस पर कोई बदलाव नहीं होता यह अविकारी शब्द है नीचे उदाहरण से समझे -
लड़का धीरे धीरे चलता है।
लड़के धीरे धीरे चलते हैं।
लड़कियां धीरे धीरे चलती है।
आप तीनों वाक्यों में देख रहे हैं- लड़का, लड़के, लड़कियां:, लिंग वचन कारक के प्रभाव के कारण बदल रहा है लेकिन धीरे-धीरे शब्द में कोई बदलाव नहीं है इसलिए यह अविकारी शब्द है।
तो आपको बता दें कि ग्रामर में यानी हिंदी व्याकरण में अविकारी शब्द कौन कौन से हैं-
दोस्तों अविकारी शब्द को 'अव्यय' भी कहा जाता है।
अविकारी शब्दों व्याकरण में कौन-कौन से हैं?
क्रिया विशेषण -के सारे शब्द अविकारी शब्द जैसे धीरे-धीरे ऊपर नीचे आगे पीछे यहां वहां जहां तहां।
सम्बन्धबोधक-
जो वाक्यों को या उप वाक्यों को जोड़ते हैं, उन्हें संबंधबोधक कहते हैं।
समुच्यबोधक-
जो अविकारी शब्द दो शब्दों, दो वाक्यों अथवा दो वाक्य तो आपस जोड़ते हैं जैसे और तथा या एवं इत्यादि हैं।
विस्मयादिबोधक
भाव तिरस्कार घृणा आश्चर्य आदि की भावना को दिखाने वाले ऐसे शब्द अविकारी शब्द कहलाते हैं जिन्हें ग्रामर में भी समाधि बोधक कहते हैं।
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