प्रमुख कांग्रेसी नेता, मल्लिकार्जुन खड़गे का दावा है कि नरेंद्र मोदी जैसा चाय बेचने वाला देश का प्रधानमंत्री केवल इसलिए बन पाया क्योंकि कांगेस सरकार ने उसे लोकतंत्र का संरक्षण दिया था।
मुझे आश्चर्य है कि जब गांधी ने कांग्रेस के अन्य नेताओं का अपमान किया तो उन्होंने अपनी पार्टी में लोकतंत्र पर सवाल क्यों नहीं उठाया।
जब सोनिया गांधी ने पीवी नरसिम्हा राव को त्याग दिया और जब उन्होंने न केवल जीवित रहते हुए, बल्कि उनकी मृत्यु के बाद भी उनका अपमान किया, तो उनका लोकतंत्र कहां था।
जब पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को श्रीमती गान्धी ने मूक रखा था तो उनका लोकतंत्र कहाँ था।
जब एक अभिजात वर्ग की इच्छा के आधार पर जेपी नारायण ने तिहाड़ जेल में सबसे खराब व्यवहार किया तो उनका लोकतंत्र कहां था।
1967 के अंत में जब इंदिरा गांधी ने श्रीकुमारस्वामी कामराज को गवर्निंग पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया तो उनका लोकतंत्र कहाँ था।
जब आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम टी.अन्नैया का राजीव गांधी द्वारा सार्वजनिक रूप से अपमान किया गया था, तब उनका लोकतंत्र कहां था।
कांग्रेस पार्टी ने कभी भी अपने पुराने नेताओं को महत्व नहीं दिया है, जब तक कि वे परिवार या उसके चापलूस नहीं थे।