नमस्कार आदित्य जी,सही कहा आपने कभी कभी कुछ अच्छा करने के लिए झूठ भी कहना हो तो कोई बात नहीं | बस उस झूठ से किसी को कोई परेशानी न हो किसी का बुरा न हो फिर तो भगवान् भी उस झूठ को माफ़ करते है | और रही घर मे सुख शांति की आने की बात तो वो कुछ हमारे अपने काम होते है और कुछ हमारे ग्रहो की दशा |
जो लोग भाग्य ,गृह ,कुंडली पर भरोसा करते है तो वो जानते है की जब ग्रहो की दशा विपरीत होती है तो हमारे काम सही नहीं होते या फिर जब हम खुद कोई काम गलत करे तो वो तो सही हो ही नहीं सकता | पर फिर भी हम चाहते है के हमारे ज़िंदगी मे सब कुछ सही हो तो उसके लिए हमे कुछ काम करने होते है |
घर मे अगर सुख शांति का माहौल चाहते हो तो कुछ बातो का विशेष ध्यान दे -
-घर मे झगडे किसके नहीं होते ,पति-पत्नी के झगड़े,सास- बहु के झगड़े,या आपसे मतभेद पर ये सब हर किसी को नहीं बताना चाहिए | अगर आपकी ज़िंदगी मे कोई ऐसा इंसान है जो आपकी इस परेशानियों मे सहायता कर सकता है तो केवल उसको ही बताये | परतु फिर पूरी बात अर्थात सामने वाले के साथ साथ अपनी गलती भी माने |
-अगर आप एक व्यापनी है तो आपको आपके व्यापर मे कभी घाटा भी सहना पड़ता है और कभी फायदा भी | अगर आप अपनी ज़िंदगी मे सुख शांति चाहते है तो आप हमेशा साधारण रहे चाहे आपको व्यापर मे घाटा हो या फायदा | आप अपने फायदे और अपने घाटे की बाते किसी से न करे | अगर फायदा हो तो भी अपना व्यवहार सामान्य रखे सबके प्रति |
- कहते है न किसी को दान करो तो अपनी आँखे हमेशा नीचे रखो | क्योकि इंसान को दान करने का घमंड नहीं होना चाहिए | क्योकि जब आप किसी को दान करते है तो इसलिए नहीं के आप उस पर एहसान कर रहे है बल्कि आपको जब किसी से मिल रहा है तभी आप दे रहे है | सुख शांति का सबसे अच्छा विचार दान पुण्य करना है | कही दान करो पर उसको उजागर मत करो या उस पर घमंड मत करो |
ये सब बातो का विशेष ध्यान रखो आप स्वयं ही अपने आप मे एक ख़ुशी का आभास करेंगे |