कुछ पौराणिक मानयताओं के अनुसार कभी भी व्यक्ति का अंतिम संस्कार रात को नहीं किया जाता है इसलिए ऐसी मान्यता है की किसी व्यक्ति की मृत्यु रात में हो जाती हैं तो लोग उसे रात में ही श्मशान घाट नहीं ले जाते हैं बल्कि लोग लाश को घर में ही रख कर उस लाश की रखवाली करते हैं| मगर क्या अपने इस प्रथा के बारे में सोचा हैं कि आखिर क्यों लोग लाश को अकेले नहीं छोड़ते |
शास्त्रो के मुताबिक यदि दिन ढलने के बाद किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उस व्यक्ति के शव को तुलसी के पौधे के पास रखा दिया जाता है और उस लाश को अकेला नहीं छोड़ा जाता हैं क्योंकि मारे हुये व्यक्ति की आत्मा वहीं पर भटकती हैं और सभी को देखती हैं| मरने के बाद शरीर खाली हो जाता है और ऐसे में बुरी आत्माओ का साया उस शरीर पर अपना कब्जा जमा सकती है| इसीलिए लोग शव के पास रात को रहते हैं और लाश को अकेला नहीं छोड़ते हैं ताकि कोई बुरी आत्मा इस लाश पर अपना कब्जा ना जमा सके और किसी व्यक्ति या वस्तु को नुकसान ना पहुंचा सके|
इन्ही कुछ कारणों की वजह से कभी भी किसी लाश को रात में नहीं जलाया जाता है |