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Satindra Chauhan

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क्यों इंडियन व्हिस्की (whiskey) को नीट नहीं पीते है?


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दोस्तों , आज का समय ऐसा है कि कोई भी प्रोग्राम हो हम शराब का सेवन जरूर करते है। जबकि लोगों को यह पता है कि शराब शरीर के लिए हानिकारक है , हमें मौत के घाट तक उतार सकती है लेकिन बिना किसी चीज की परवाह किये हम इसे पीना नहीं छोड़ते। अगर शराब के ब्रांड की बात किया जाये तो हम नीट पीना पसंद करते है। लेकिन कुछ लोगों को नीट हजम ही नहीं होता। लेकिन क्या आपको पता है भारतीय बिना पानी मिलाए शराब को नहीं पीते है। ऐसा क्यों है।

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जैसे की आम भारतीय शराब में बिना पानी मिलाए उसे पीने का सोच भी नहीं सकता। दारू के साथ पानी-सोडे का एक अटूट ही रिश्ता है। शायद तभी शराब के विज्ञापन पर प्रतिबंध होने के बाद भी ये सभी कंपनिया पानी, सोडे के ब्रांड के आधार से अपना संदेश आसानी से अपने टार्गेट ऑडियंस तक देती है। भारत में शराब में पानी मिलाने की रीत बहुत ज्यादा है। शराब में लोग पता नहीं क्या क्या मिलकर पीना पसंद करते है, जैसे पानी, सोडा, कोक, जूस इत्यादि। बताया जाता है भारत में इस तरह की शराब तैयार करने वाली कंपनियां एक तरह के शीरे का प्रयोग करती है। इस शीरे से ज्यादातर रम बनती है। क्योंकि भारत में इसपर किसी भी तरह का रोक नहीं लगा हुआ है। इसलिए भारतीय

व्हिस्की में ब्रांड मॉल्ट के साथ-साथ molasses का भी इस्तेमाल करती हैं।

दरअसल, बता दें, यह गन्ने से चीनी तैयार करते समय बनने वाला एक गहरे रंग का बाइ-प्रोडक्ट है। जिसे फर्मटेंशन की प्रक्रिया से गुजरने के बाद इस molasses को डिस्टिल करके शराब को तैयार किया जाता है। माना जाता है कि ज्यादातर IMFL (इंडियन मेड फॉरन लिकर) का बेस इसी से बनाया जाता है. ऐसे में जब आप इन इंडियन व्हिस्की को बिना कुछ मिलाए सीधे ‘नीट’ पीएंगे तो यह हमारे हलक को चीरते हुए निचे जाती हुई महसूस होती है। यानी पानी मिलाकर इस कड़वाहट को बैलेंस करना एक बहुत बड़ी मजबूरी है।


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