Self-Starter!!!!! | Posted on | News-Current-Topics
Youtuber | Posted on
यह सूर्य ग्रहण विशेष इसलिए होने जा रहा है कि क्योंकि इस दिन शनि जयंती भी मनाई जाएगी और हिंदू पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि पर सूर्य ग्रहण के दो प्रमुख व्रत हैं एक तो इस दिन न्याय के देवता शनि भगवान का जन्म हुआ था और दूसरा वट सावित्री का व्रत भी इसी दिन रखा जाएगा। ज्योतिषशास्त्रीयो के अनुसार इस बार का सूर्य ग्रहण वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में ही लगेगा। भारतीय धर्म शास्त्रों में सूतककाल को अशुभ माना जाता है सूतककाल के होने से मंदिरों, घरो में पूजा पाठ भी नहीं की जाती व किसी भी शुभ कार्य को नहीं किया जाता। लेकिन भारत में जब सूर्य ग्रहण लगेगा ही नहीं तो सूतककाल भी अशुभ नहीं होगा और भारत में मान्य भी नहीं होगा। इसीलिए सभी लोग शुभ कार्य जैसे धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ संबंधित कार्य को कर सकते हैं जिनमें इस सूर्य ग्रहण के कारण कोई भी व्यवधान उत्पन्न नहीं होगा।
0 Comment