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एक फ्रांसीसी जौहरी और मुगल काल के यात्री जीन-बैप्टिस्ट टवेर्नियर ने तख्त-ए-तौस (मयूर सिंहासन) का एक विस्तृत विवरण छोड़ दिया है।
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एक फ्रांसीसी जौहरी और मुगल काल के यात्री जीन-बैप्टिस्ट टवेर्नियर ने तख्त-ए-तौस (मयूर सिंहासन) का एक विस्तृत विवरण छोड़ दिया है। मयूर सिंहासन मुगल वास्तुकला का एक चमकदार और शानदार प्रदर्शन था। इसका निर्माण सम्राट शाहजहाँ द्वारा किया गया था और उन्होंने सिंहासन की डिजाइनिंग में व्यक्तिगत रूप से बहुत समय और ऊर्जा खर्च की थी।
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