अभिमान और स्वाभिमान में अगर दोनों को देखा जाए तो कोई फर्क नहीं परन्तु इन दोनों को इनके अर्थ की तरफ से देखा जायें तो बहुत फर्क है | अभिमान और स्वाभिमान में अगर फर्क करना है, तो इसके लिए सबसे पहले इन दोनों के बारें में जानना जरुरी है, इनको समझना जरुरी है |
अभिमान :-
अभिमान दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है | अभि + मान , ये दोनों शब्द जब आपस में जुड़ते हैं, तो यह एक ऐसी स्थिति को जन्म देते हैं, जिस स्थिति के लोगों को हर कोई पसंद नहीं करता | अभि का अर्थ है - निडर और मान का अर्थ है - गौरव | जिन लोगों के अंदर निडरता और गौरव का एक साथ प्रवेश होता है, उन्हें अभिमान हो जाता है |
निडरता और गौरव यह दोनों शब्द मिलकर अभिमान का निर्माण करते हैं | जब किसी इंसान को लगातार अपने जीवन में प्रसिद्धियाँ मिलती रहती है, तब उसको अभिमान हो जाता है | उसको लगने लगता है, उसका गौरव चारों और निडरता से फैला हुआ है, जिसके कारण उसके अंदर घमंड आ जाता है |
स्वाभिमान : -
स्वाभिमान भी दो शब्दों से मिलकर बना है, स्वाभि + मान | स्वाभि का अर्थ हैं, अपना और मान का अर्थ है गौरव | साफ़ शब्दों में स्वाभिमान का अर्थ अगर हम जानने की कोशिश करें तो यह कहना सही होगा कि जब इंसान की जीवन में बात उसके अपने मान सम्मना की आती है, तब इंसान का स्वाभिमान जागृति हो जाता है |
अपने काम में अपने चरित्र में कभी दाग न लगने देने वाले लोग स्वाभिमानी कहलाते हैं | पर अगर आप इस बात को देखें तो अभिमान और स्वाभिमान में सिर्फ एक शब्द का फर्क है | पर यह फर्क पूरे अर्थ को बदल देता है |
अभिमानी वो जिसको खुद पर घमंड है,जो हर काम को "सिर्फ मैं ही कर सकता हूँ " कहें और स्वाभिमानी वो जो किसी भी काम को " मैं भी कर सकता हूँ" कहें ये स्वाभिमानी |
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