आईएएस और आईपीएस दो ऐसी पोजीशन है की जो समाज में एक छाप छोड़ जाते है। वैसे देखा जाए तो यही दो तरह के लोग इस देश को चलाते है। हालांकि उन लोगो को भी कानून के दायरे में रहकर काम करना होता है पर उनके पास अधिक सत्ता होने की वजह से वे लोग समाज के लिए जो सही हो वैसे कदम उठाके समाज को एक नई राह दिखा सकते है। पर क्या आईएएस या आईपीएस होने के कुछ नकारात्मक पहलु भी होते है? जी हाँ काफी सारे वाकये ऐसे भी सामने आये है जहाँ यह लोग भी कुछ ख़ास नहीं कर पाते है।

सौजन्य: हंस इंडिया
सबसे पहली बात तो यह लोग लोकल गवर्नेंस को जिम्मेदार होते है और राज्य को जिम्मेदार होते है और ऐसे में कई बार उन्हें पोलिटिकल प्रेशर का भी सामना करना पड़ता है। यह ऐसी पोजीशन है की जिन्हे हर वक्त ड्यूटी पे माना जाता है और इस के चलते उनकी निजी जिंदगी जैसा कुछ रहता ही नहीं है। अगर राज्य में किसी भी तरह की मुसीबत होती है उन्हें छुट्टी रद्द कर के भी काम पर लग जाना पड़ता है। बहुत पढ़ने के बाद भी इनको अनपढ़ विधायकों को सर्रेंडर होना पड़ता है क्यूंकि लोकतंत्र में प्रावधान ही कुछ ऐसा है। यह लोग सबकुछ जानने के बावजूद कोई निति विषयक निर्णय नहीं ले सकते है और इसीलिए कई सारे अफसर इस स्थिति में काबिलियत होने के बावजूद अपने तरीके से काम नहीं कर पाते है।