क्या सच में हिंदू धर्म के ऐसे रीति-रिवाज हैं, जिनके वैज्ञानिक आधार हैं ? - letsdiskuss
Official Letsdiskuss Logo
Official Letsdiskuss Logo

Language



Blog

Ruchika Dutta

Teacher | Posted on | Astrology


क्या सच में हिंदू धर्म के ऐसे रीति-रिवाज हैं, जिनके वैज्ञानिक आधार हैं ?


1
0




System Analyst (Wipro) | Posted on


जी हाँ इस बात में कोई दो राय नहीं है की हिन्दू धर्म के ज्यादातर रीति-रिवाज़ किसी ना किसी वैज्ञानिक आधार से मेल खाते है | तो आज हम आपको इन रीति रिवाज़ो के बारे में बातएंगे की कौन कौन से हिन्दू धर्म के रिवाज़ वैज्ञानिक आधारों से जुड़े हुए है |


Letsdiskuss

1 - माथे पर तिलक लगाना -

हिन्दू परम्पराओ के अनुसार माथे पर इसलिए तिलक लगाया जाता है क्योंकि माथे के बीचो-बीच भगवान् विष्णु का वास होता है लेकिन मनोविज्ञान के अनुसार माथा चेहरे का मध्य भाग होता है इसलिए आपके सामने वाले इंसान को आकर्षित करने के लिए माथे पर तिलक लगाया जाता है , ख़ास तौर पर स्त्रियाँ यह उनके आकर्षण का एक अनूठा रंग माना गया है |
2 - पैरो में बिछिया पहनना -

देखा जाए तो यह केवल एक आभूषण के सिवा कुछ भी नहीं है , हिन्दू धर्म में शादी शुदा महिलाओ के लिए बिछिया पहनना बहुत शुभ माना जाता है | लेकिन वैज्ञानिक तौर पर ऐसा माना जाता है पैरो के बीच चांदी की बिछिया पहनने से सूर्या और चन्द्रमा दोनों की कृपा जीवन में बानी रहती है |
3 - नवरात्र का व्रत -

हिन्दू परम्परा के अनुसार हिन्दू लोग नवरात्र का व्रत नौ दिनों तक रखते है और माँ जगदम्बा की पूजा करते है , लेकिन वैज्ञानिक तौर पर ये माना जाता है की हम नवरात्र में सारा दिन भूखा रह कर केवल फल आदि का सेवन करें जो हमारे पेट के सारे रोग दूर हो करने में मदद करता है । नवरात्र हमें पूरा मौका देता है कि हम मौसम के अनुसार खुद के शरीर को ढाल लें।
4 - पीपल के वृक्ष की पूजा -

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार हिन्दू लोगो द्वारा पीपल के वृक्ष में पानी दिया जाता है, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर ऐसा माना जाता है की ह वृक्ष अन्य वृक्षों की तुलना में वातावरण में ऑक्सीजन की अधिक-से-अधिक मात्रा देता है | इस वृक्ष के आस पास होने से ही आपको एक नयी और अलग ताज़गी का आभाव होता है |


0
0