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Seema Thakur

| Posted on September 23, 2018

World of books and writers

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All posts related to this blog topic

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Seema Thakur

| Updated on November 24, 2025

अरुंधति रॉय की ‘द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ – प्रेम, दर्द और सच्चाइयों की गहराई

अरुंधति रॉय की ‘द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ – प्रेम, दर्द और सच्चाइयों की गहराई

हमे अपने जीवन में किसे प्रेम करना चाहिए और किसे नहीं? क्या हमे अपने जीवनसाथी चुनने का हक़ नहीं है? क्या हो यदि आप उससे प्रेम कर बैठो जिससे आपको प्रेम नहीं करना चाहिए? कौन तय करता है कि हमे किससे प्रेम Read More

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Seema Thakur

| Updated on November 22, 2025

मंटो और उनकी मंटोइयत: समाज की सच्चाई के आईने में

मंटो की मंटोइयत आज उनकी मृत्यु के बाद भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी उनकी मृत्यु से पहले थी | अब आप पूछेंगे कि "भई ये मंटोइयत है क्या ?" मंटोइयत वह है जब आप खुदको कीचड़ में डाल देते हैं उस कीचड़ को साफ़ कRead More

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Seema Thakur

| Updated on November 24, 2025

गुलज़ार - गुल यह ज़ार ज़ार

गुलज़ार - गुल यह ज़ार ज़ार

"कोई किनारा जो किनारे से मिले वो, अपना किनारा है |" एक नाम है गुलज़ार जो लबों पर आता है तो ढेरो यादें आँखों के सामने आने लगती हैं, कभी मन में आता है "ऐ ज़िन्दगी गले लगा ले" तो कभी लगता है "दिल तो बच्चा Read More