“शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...!!!”
हिंदी कविताओं से ये पंक्तियां जिन्हें मैं बहुत अच्छी तरह से याद कर सकता हूं | यह मनुष्य के किशोर अवस्था और वयस्क अर्थात जब बड़े हो जाते हैं तब की अवस्था में पैसे को अलग नज़र से देखते हैं |
सही कहा हैं, शोक तो माता-पिता के पैसों से ही पूरे होते हैं,अपनी कमाई से तो सिर्फ जरूरतें की पूरी की जा सकती हैं | ये भी कह सकते हैं, कि हम अपने पैसों को सिर्फ बर्बाद ही कर रहें हैं अपनी जरूरत के लिए |
इन बातों को ध्यान में रखते हुए, छात्रों के लिए कुछ महत्वपूर्ण वित्तीय सुझाव दिए गए हैं, कि प्रत्येक स्कूल और कॉलेज जाने वाले को पता होना चाहिए :-
- अपनी वित्तीय स्थिति के लिए कभी भी Sorry feel न करें -
जब तक आपको अपनी प्लेट पर संतोषजनक मात्रा में खाना मिलता रहें, तब तक भगवान का ध्यानवाद करें क्योकिं, आप सचमुच बेहतर स्थिति में हैं | उसके बाद भी अगर आपको अपनी वित्तीय स्थिति के लिए खेद हो, तो हर साल लगभग 3 मिलियन बच्चे भूख के कारण मर जाते हैं, इस बात को याद करें |
- कभी भी Show off के लिए अपने साथियों से प्रतिस्पर्धा न करें -
आज कल के समय में बच्चे स्कूल में हो कॉलेज में उनमें show off करने कि आदत होती हैं | हाँ! Show off करना स्कूल और कॉलेज में एक बड़ी चुनौती हो सकती हैं | जहां आपके दोस्त महंगे कपड़े,असाधारण जीवन जीने का दवा करते हैं, लेकिन अपनी वित्तीय स्थिति पर उनके साथ प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश न करें। अगर प्रतिस्पर्धा करना ही हैं तो आप पढ़ाई में कीजिये |
- आपको एक आईफोन की आवश्यकता नहीं हैं -
अभी आपको iPhone की जरूरत नहीं हैं | आप अपनी आवश्यकता के अनुसार फ़ोन का इस्तेमाल करें, न कि जो फ़ोन दूसरों के पास हैं | अपनी जरूरत और अपने बजट के हिसाब से ही चीज़ों का इस्तेमाल करें |
- किसी महंगे सामान की जरूरत नहीं -
आपको रोलेक्स की आवश्यकता क्यों हैं, जबकि आपको अभी सिर्फ समय कि जरूरत हैं, आप सस्ती घड़ी का प्रयोग भी कर सकते हैं | आपको 5 star restaurants में खाने की ज़रूरत क्यों हैं, जबकि सड़क के किनारे पुरी-तारकाड़ी और गोलगप्पा के स्वाद को 5 star restaurants भी नहीं हरा सकता हैं ।