क्या आप अपने स्कूल और कॉलेज से जुड़े कुछ अनुभव हमारे साथ शेयर करना चाहते हैं ? - letsdiskuss
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क्या आप अपने स्कूल और कॉलेज से जुड़े कुछ अनुभव हमारे साथ शेयर करना चाहते हैं ?


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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | Posted on


अगर हम बात करें स्कूल और कॉलेज की तो सबसे अच्छी स्कूल होती है। जहां बच्चे ना केवल पढ़ाई करते हैं बल्कि हर एक एक्टिविटी में भाग लेते हैं। स्कूल लाइफ सबसे अच्छी लाइफ होती है। वहां हर एक स्टूडेंट को गलती करने पर पनिशमेंट भी दिया जाता है जिससे वह पूरी इमानदारी से निभाता है और वह कोई भी गलती नहीं करता है। स्कूल में प्रार्थना और गायत्री मंत्र के द्वारा ही पढ़ाई की शुरुआत की जाती है। इसके बाद अगर हम बात करें कॉलेज की तो यहां बच्चे बड़े हो जाते हैं और अपने हिसाब से ही कॉलेज में पढ़ाई करते हैं। यहां बच्चों को पनिश भी नहीं किया जा सकता है। जिसके कारण कुछ बच्चे गलत रास्ते में भी चले जाते हैं।Letsdiskuss


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Fitness trainer,Fitness Academy | Posted on


मैं अपना एक स्कूल का किस्सा शेयर करना चाहती हूँ | वैसे तो मैं बहुत ही शांत स्वाभाव की थी पर जब मुझे कुछ गलत बात दिखती थी मुझे बहुत गुस्सा आता था | मैं 12 वीं कक्षा में थी और मेरा विषय Arts था जैसा कि 11 वीं के बाद सब लोग अपने पसंद के हिसाब से विषय चुन लेते हैं तो वैसे ही मैंने भी चुना और कुछ science के और कुछ math के सबकी 2 विषय हिंदी और इंग्लिश की क्लास साथ में होती थी बाकी 3 विषयों की अलग-अलग | science और math के स्टूडेंट हमारी कक्षा में इंग्लिश और हिंदी की क्लास अटैंड करने आते थे |

एक बार की बात है इंग्लिश की क्लास चल रही थी तो एक लड़का मेरी फ्रेंड को बड़ी देर से घूर रहा था और उसको परेशान कर रहा था | यह सब मैं भी देख रही थी , मुझे बड़ा अजीब लगा तो मैं अपनी फ्रेंड से कहा कि क्या हुआ परेशान क्यों हो रही है, तो उसने कहा ये लड़का मुझे कब से घूर रहा है और सिर्फ आज नहीं जब भी यह हिंदी और इंग्लिश की क्लास के लिए आता है यह ऐसे ही मुझे घूरता है | मैंने कहा चल कोई नहीं इसको आज घूरने दे फिर देखते हैं क्या करना है |

सभी को याद हो कि पहले ऐसे पेन चलते थे जिसके ढक्कन में रस्सी लगी होती थी लोग उसको मजाक के तौर पर गले में लटका कर घूमते थे | वही पेन मेरे पास भी था , उस लड़के ने क्लास अटैंड की और वो चला गया , वो वापस क्लास में आया और उसने इस बार मेरी फ्रेंड की तरफ देखा ही नहीं और चुप कर के क्लास अटैंड की और चला गया , फिर मेरी फ्रेंड ने कहा यार सही है , इस बार तो बड़ा ही सही हुआ | लगता है सुधर गया वो , फिर मैंने कहा बेटा सुधरा नहीं सुधारा है उसको मैंने |

फिर उसने पूछा क्या किया तूने ऐसा मैंने कहा कुछ नहीं बस अपने पेन का कमाल दिखा दिया उसको , तो उसने पूछा कैसे ? मैंने कहा कुछ नहीं मैंने पेन के ढक्क्न की रस्सी घूमते हुए जोर से उस लड़के के चेहरे पर मारी और उसको पता नहीं चला हुआ क्या | फिर वो इधर-उधर देखने लगा फिर उसकी नज़र मुझ पर आई जो कि मैं उसको पहले ही गुस्से में देख रही थी , मैंने उससे इशारे में गुस्सा करते हुए पूछा ,क्या देख रहा है पढ़ाई कर चुप कर के " उस लड़के ने अपनी आंखे नीचे की और क्लास ख़त्म होते ही सबसे पहले भाग गया |

मेरी फ्रैंड और मैं हस्ते रहे उस बात पर , आज भी जब वो किस्सा याद आता है तो बहुत हसी आती और उस लड़के का वो चेहरा याद आता है |

Letsdiskuss


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Content Writer | Posted on


स्कूल और कॉलेज से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं, जिनको आज भी याद करो तो चेहरे पर हसी आ ही जाती है | मैं आपको अपने कॉलेज का BCA (Bachelor of Computer application ) की क्लास के पहले दिन के बारें में बताती हूँ | जब में पहले दिन क्लास में पहुंची तो पूरी क्लास खाली थी, मुझे लगा शायद में गलत जगह आ गई क्लास कहीं और होगी | फिर सोचा कुछ देर इंतज़ार कर लेती हूँ ,फिर एक एक करके क्लास में लड़के आने लगे |



कुछ देर बाद पहली क्लास शुरू हुई "Fundamental of Computer " की तो मैंने सोचा शायद पहला दिन है पूरे स्टूडेंट नहीं आये होंगे | पूरी क्लास में 32 लड़के थे , सुबह 10 बजे से क्लास शुरू हुई और हर विषय की क्लास हुई | शाम के 5 बजे गए और सारे विषय की क्लास ख़त्म हुई सब क्लास के बाहर और घर जाने की तैयारी | मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं यहां किससे क्या बात करूं , मैंने सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक किसी से कोई बात नहीं की | मैंने सोचा चलो कोई नहीं पहला दिन है कल पूछूँगी किसी से भी कुछ |

हसी की बात तो ये कि में इतनी बक-बक करने वाली लड़की सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चुप कैसे रह गई और मेरी आवाज ही बैठ गई | मैंने घर में बताया तो सबने मेरी हसी उड़ाई कहते तू चुप कैसे रही इतनी देर | आज का दिन तो सुनेहेरे शब्दों में लिखना होगा कि आज तू 7 घंटे चुप रही |

उससे बड़ा शौक जो मेरे लिए ये था कि अगले दिन मुझे ये पता चलता है, कि मेरी BCA क्लास में 32 लड़के और मेरे सिवा कोई लड़की नहीं | हे भगवान कहाँ फस गई मैं, ये सोचा और फिर क्या था मैं रोज कहाँ चुप रहने वाली थी बस मेरी क्लास में मैं अकेली लड़की थी तो जब सबसे बात करना शुरू किया तो मैं सबसे इम्पोर्टेन्ट बन गई क्लास में |
ये एक खास अनुभव था मेरा जो बहुत ही अच्छा था |

Letsdiskuss (Courtesy : YouTube )


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मैं आज इस आर्टिकल के द्वारा अपने स्कूल के कुछ अनुभव शेयर करना चाहती हूं यह बात तब की है जब मैं कक्षा 10 में पढ़ती थी मेरे स्कूल का माध्यम अंग्रेजी था मेरे वहां के एक टीचर थे जो की बहुत ही अच्छे थे जब भी कोई लड़का मुझे परेशान करता था तो मैं हमेशा अपने साइंस के टीचर से जाकर बात बताती थी तो वे लड़कों को पनिशमेंट करते थे इस प्रकार जब भी मुझे किसी भी प्रकार की कोई समस्या होती थी तो मैं अपने पसंदीदा सर से जाकर अपनी हर एक बात शेयर करती थी आज भी मुझे अपने उस टीचर की याद बहुत आती है।Letsdiskuss


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