आज के समय में मनुष्य अपने काम को लेकर जितना व्यस्त रहता है, उतना ही वे कई सारी समस्याओं और बीमरियों से घिरा हुआ है | लोग जितना पैसों की होड़ में लगे हुए हैं, उतना ही वो अपने स्वास्थ को नज़रअंदाज़ करते जा रहे हैं |
जैसा कि यही देख लो, लोग दिन भर ऑफिस में कंप्यूटर के सामने बैठे होते हैं, और अपने काम में इतना व्यस्त होते हैं, कि उन्हें इस बात का भी अंदेशा नहीं होता कि वह किस तरह बैठते हैं | वह कभी इसके बारें में नहीं सोचते कि उनका ग़लत बैठना उन्हें नुक्सान पहुंचा सकता है |
लोगों का ग़लत तरीके से बैठना उनको कई सारी समस्या दे सकता है, और कई बार तो उनको अपाहिज भी बना सकता हैं | अक्सर ऑफिस में काम के दौरान लोगों के एक ही मुद्रा में बैठे रहने से कमर दर्द की शिकायत बनी रहती है | लंम्बे समय तक बैठना जितना हानिकारक होता है, उससे कहीं ज्यादा हानिकारक ग़लत तरीके से बैठना होता है |
एक खबर के अनुसार - हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल का मानना है, कि आज लगभग 20 प्रतिशत युवाओं को 16 से 34 साल आयु वर्ग में ही पीठ और रीढ़ की हड्डी की समस्याएं हो रही है | डॉ. अग्रवाल ने यहां जारी एक बयान में कहा है, "एक ही स्थिति में लंबे समय तक बैठने से पीठ की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी पर भारी दबाव पड़ सकता है "
जैसा कि एक ही मुद्रा में बैठे रहने से दर्द शुरू होता है, जिसके कारण लोग बैठे-बैठे ही अपने बैठने का direction बदल लेते हैं, जो की सबसे ख़राब होता है | इससे रीढ़ की हड्डी भी ख़राब हो जाती है | रीढ़ की हड्डी हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण आधार होती है | अगर आपको आपकी रीढ़ की हड्डी में थोड़ा भी दर्द हो तो आपका बैठना बहुत मुश्किल हो जाता है | तो आप ही सोचिये अगर आपकी रीढ़ की हड्डी टेढ़ी हो जाये तो क्या होगा ?
इसलिए आप अपने काम में कितना ही व्यस्त क्यों न रहें, परन्तु अपने आप का ख्याल रखें | यदि आप एक ही मुद्रा में बैठे-बैठे थकावट महसूस करते है, तो अपनी मुद्रा बदलने के लिए खड़े हो न की बैठे-बैठे अपनी मुद्रा बदलें |