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आईआईटी में 10 का सीजीपीए प्राप्त करना मुश्किल जरुर होता है, नामुमकीन नहीं. लक्ष्य के प्रति समर्पित होकर ईमानदार प्रयास करने पर 10 का सीजीपीए पाया जा सकता है.
मैंने हाल ही में आईआईटी खड़गपुर से अपना सातवां सेमेस्टर पूरा किया है और यहां पर मुझे 10 का सीजीपीए प्राप्त हुआ है. इसे लेकर हमारे देश के छात्रों के मन में बहुत सारी गलतफहमियां और संशय होता है. इस लक्ष्य को पाना उतना मुश्किल नहीं होता जितना आपके दिमाग में यह चलता है.
इस लक्ष्य को पाने के लिए आपको ज्यादा कुछ करने की आवश्यक्ता भी नहीं है. अगर आप ऐसा सोच रहे हैं कि आप अपने सेमेस्टर काल का आधा से ज्यादा वक्त भी अपने स्टडी रुम में बंद होकर किताबों के बीच व्यतीत कर देंगे तो आप भ्रमित हैं. मेरा अनुभव मुझे बताता है कि बंद कमरे में बैठ कर पूरे समय तक सिर्फ पढ़ते रहना भी एक तरह की बाधा है.
इस महान लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अलग से कोई विशेष उपाय नहीं करना है. अपने दैनिक जीवन को भी जीना है. सामाजिक जीवन में भी रहना है, बस हर कार्य के लिए समय निर्धारित कर लेना जरुरी है.
अध्ययन करना अलग बात है और एकाग्रतापूर्वक अध्ययन करना एक अलग बात है. अध्ययन जीवन का कठिन और नीरस हिस्सा होता है. बहुत सारे लोग जिनमें आपके दोस्त और रिश्तेदार भी शामिल होंगे, वो आपको बोरिंग इंसान समझ सकते हैं लेकिन आपको इन आलोचनाओं से घबराए बिना अपने अध्ययन पथ पर डटे रहना है.
इसलिए ज्यादा परेशान न हो. नियमित अध्ययन कार्य में रहें. उपयुक्त समय पर अपने ट्यूटोरियल को पूरा करें. आपका लक्ष्य आपके निकट खड़ा है.
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महान सीजीपीए के साथ आपके सामाजिक जीवन की एक बड़ी आलोचना आती है। यहां तक कि यदि आप अपने कमरे के बाहर अपने सेमेस्टर का लगभग आधा समय भी खर्च करते हैं, तो वह लड़का जो हमेशा अपने कमरे में बंद रहता है, आपको उच्च (या मेरे मामले में उच्चतम) ग्रेड पॉइंट प्राप्त करने के बाद आपको घिसू कहने की हिम्मत करेगा। यदि आप सफलता चाहते हैं तो यह सबसे बड़ी बाधा बन सकता है । मुझे नहीं पता कि पहले से ही लिखित उत्तर यह जवाब शामिल तो नही पर मैं इतना अवश्य जनता हूँ की कोई भी टॉपर मुझसे इन विचारों पर सहमति दिखाएगा. ।
हालांकि, आम तौर पर बात नहीं की जाती, यह सबसे कठिन हिस्सा है। यदि आप अध्ययन करने की कोशिश करते हैं तो आपके मित्र खुदके जीवन को आपसे भी अधिक नीरस होने के बावजूद आपका मजाक उड़ाएंगे।
यह आम तौर पर एक संभावित टॉपर की मौत का परिणाम देता है जो इस दुनिया में आत्मसमर्पण कर देता है और तीन लंबित ट्यूटोरियल होने पर भी 'बकर' करना शुरू कर देता है। वह मेरे दोस्त, आपको पहले से उबरना होगा। कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे क्या कहते हैं, उन्हें मत सुनो। क्यूं ? क्योंकि यह इसके लायक नहीं है। वे तुम्हारे जैसे नहीं है। आप दोनों के पास अपने जीवन से सुख खोजने के विभिन्न तरीके हैं। सामाजिक जीवन का स्वादानुसार मसाला जोड़ते हुए अपनी नियमित कामकाजी शैली पर चिपके रहें।
डरो मत। आपको वहां रहने के लिए थ्री ईडियट्स के चतुर बनने की आवश्यकता नही हैं किंतु यह सब आप रन्छोड़दास बनके भी हासिल नहीं कर सकते।जहाँ तक इसके ज़्यादा कठिन होने की बात है मुझे नहीँ लगता यह उतना कठिन है। बस नियमित रहें और समय पर अपने ट्यूटोरियल को पूरा रखें। बस इतना ही पर्याप्त है।
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