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संतान सप्तमी की पूजा भादो मास के शुक्ल पक्ष में की जाती है। यह पूजा भगवान शिव और माता पार्वती की होती है। जिसमें महिलाएं संतान सुख की प्राप्ति, उनकी कुशलता के लिए व्रत करती हैं।
पूजन करने की विधि :- सबसे पहले जो महिला संतान सप्तमी का व्रत रखती है मुझे प्रातः उठकर स्नान करना चाहिए और भगवान शिव माता पार्वती की आराधना करनी चाहिए। इसमें पूजन के लिए गुड़ की सात मीठी पूड़ी बनाई जाती है फल फूल खीरा आदि भगवान को भोग लगाया जाता है इसमें चांदी की अंगूठी या कड़े को भी रखा जाता है। जिसका पूजन करके महिलाएं अपने हाथों में पहनती हैं ऐसा कहा जाता है कि उस संतान सप्तमी का पूजा हुआ चूड़ा पहनने से उसके संतान की हमेशा रक्षा होती है।
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संत सप्तमी यानी कि संतान सप्तमी की पूजा महिलाएं किस तरह करती हैं और इस पूजा को करने की विधि कैसी होती है आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे। संत सप्तमी की पूजा भादो के महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को की जाती है इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति तथा उसके कुशलता के लिए किया जाता है।
पूजन करने की विधि
संत सप्तमी व्रत को प्रारंभ करने से पहले सुबह सुबह उठकर महिलाओं को स्नान करना चाहिए। स्वच्छ कपड़े पहन कर माता पार्वती और भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए। इसके बाद पूजन करने के लिए सात मीठी पूरी बनाना चाहिए, और इस पूजन को दोपहर के समय ही खत्म कर लेना चाहिए। जो महिलाएं इस व्रत को सच्चे मन से करती हैं उन्हें भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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