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दोस्तों क्या आप जानते हैं कि ओयो हम लोगों की जिंदगी किस तरह से बर्बाद कर रहा है चलिए हम आपको इसकी जानकारी देते हैं दोस्तों लोगों की जिंदगी बर्बाद करने में ओयो को सबसे बड़ा हाथ है क्योंकि यहां पर लड़का और लड़कियां अपनी मर्जी से आते हैं तथा कहते हैं और गलत काम करते हैं जिस वजह से माता-पिता शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ती है। लेकिन ओयो में जाने के लिए कुछ नियम व शर्तें होती है जैसे कि आप लड़का या लड़की ओयो जाते हैं तो आपसे वहां पर आपकी वेरिफिकेशन करने के लिए आधार कार्ड मांगा जाएगा तथा आपका पता मांगा जाएगा तब जाकर आपको ओयो में रूम मिल सकता है।
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oyo भारत की होटल लिंकिंग चैन कंपनी है। ऑनलाइन सर्विस के माध्यम से होटल के कमरे कम कीमत पर आसानी से बुक कराया जा सकता है। लेकिन भारत जैसे देश में ओयो कंपनी क्या लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रही है? इस प्रश्न का उत्तर यहां दे रहे हैं आप जानिए-
दोस्तों किसी को रूम देने से पहले उसकी आईडी चेक की जाती है और यह नियम सारे होटल्स में फॉलो किया जाता है।
oyo से जब कोई रूम बुक करता है ऑनलाइन तब यही नियम का पालन किया जाता है। आधार कार्ड या कोई आईडी बिना देखे Oyo के माध्यम से ऑनलाइन रूम नहीं मिलता है।
oyo कंपनी बेहतरीन काम करती है। उसका काम केवल लोगों को होटल बुक कराना है। होटल में जब लोग ठहरने जाते हैं तो उस समय उनकी फिजिकल आईडी और सारी वेरीफिकेशन होटल मालिकों करना होता है।
लेकिन कुछ होटल वाले इस नियम का उल्लंघन भी करते जैसा कि ऑफलाइन होटल बुक करने में भी उन लोगों को रूम दे दिया जाता है जिनकी कोई आइडेंटिफिकेशन नहीं होती है। इस कारण से होटल के रूम अराजक तत्व पाए जाते हैं या कोई ऐसी घटना अंजाम दे देते हैं जो अपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोग होते हैं।
क्योंकि ओयो एक ऑनलाइन बुकिंग कंपनी है। इसका काम केवल रूम को बुक करना होता है और फिर जिस होटल का रूम बुक किया गया है जब वह व्यक्ति वहा stay करने जाता है तो वहां पर उसके ओरिजिनल आईडी प्रूफ मांगा जाता है, यह चेक होटल की बड़ी जिम्मेदारी होती है।
ओयो होटल रूम बुकिंग एक अच्छा काम कर रहा है।
oyo कंपनी की दिलचस्प बातें
भारत की दूसरी सबसे बड़ी इन्वेस्टमेंट कंपनी फ्लिपकार्ट के बाद oyo है।
ओयो एक बेहतरीन आईडिया है जो ऑनलाइन होटल्स रूम की बुकिंग में आपकी मदद करता है और सबसे कम कीमत दिलाता है।
इस कंपनी के संस्थापक रितेश अग्रवाल हैं जो इंटरमीडिएट तक ही पढे हैं और अपने इस जबरदस्त आईडिया से उन्होंने इस कंपनी को ऊंचाई तक पहुंचाया है।
दोस्तों ओयो कंपनी बिना किसी मदद के शुरू हुई थी, 6 साल में आज 600 करोड़ रुपए का इसका टर्नओवर है।
दोस्तों हमारे देश में सस्ते और किफायती होटल तो है लेकिन अगर हम किसी शहर में जाते हैं तो इन होटलों को ढूंढ नहीं पाते क्योंकि हमारे पास समय कम होता और दूरी भी समझ में नहीं आती है। रितेश अग्रवाल ने एक बेहतरीन आईडिया निकाला। उन्होंने छोटे बड़े सभी होटल्स को एक ऑनलाइन कनेक्टिविटी से जोड़ दिया जिससे वहां उपलब्ध रूम और उनके किरायों के बारे में जानकारी विजिटर को मिलती है और वहां से वह होटल बुक करा सकता है। ओयो रूम्स वेबसाइट के नाम से यह कंपनी चर्चित है।
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दोस्तों आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि Oyo कैसे लोगों की जिंदगी बर्बाद कर रहा है आप सभी को बदलने की ओयो एक ऐसी जगह होती है जहां पर लोगों को सस्ते रूम मिलते हैं और वहां सारी फैसिलिटी से उपलब्ध होती हैं वहां लड़का और लड़की जाते हैं और वहां जाकर शारीरिक संबंध भी बनाते हैं ऐसी बात जब उनके माता-पिता को पता चलती है तो उनके माता-पिता को शर्मिंदगी होती है इस तरह से ओयो लोगों की जिंदगी बर्बाद कर रहा है।
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जी हाँ बिल्कुल नये वर्ग के युवा पीढ़ी क़ो oyo पूरी तरह से बर्बाद कर रहा है, oyo मे लडके, लड़कियां ऑनलाइन होटल बुक करने के लिए कुछ रूल्स बनाये गए है, जैसे कि oyo ऑनलाइन रूम बुकिंग के लिए आधार कार्ड या फिर अन्य कोई आईडी की जरूरत पड़ती है। लेकिन कुछ oyo मे ऑफलाइन रूम मिलते है, जिसके कारण ऑफलाइन रुम मिलते है वहां पर कोई आईडी नहीं मांगते है जिसके कारण ऐसी जगहों पर 18साल से कम उम्र के भी लडके, लड़कियां रूम लेते है और इस तरह से उनकी ज़िन्दगी कम उम्र मे बर्बाद हो रही है।
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