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Suman Singh

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कर्नाटक से रिजल्ट से आने वाले चुनावों मे बीजेपी क़ो कितना नुकसान हो सकता है?


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कर्नाटक से रिजल्ट से आने वाले चुनावो में बीजेपी को होने वाले नुकसान -

बीजेपी पिछले 9 सालों से केंद्र की सत्ता में है और कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीतने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने कोई कसर नहीं छोड़ा है,लेकिन मोदी जी की यह कोशिश नाकामयाब रही और उन्हें शायद कर्नाटक विधासभा के चुनाव जीतने के चक्कर मे नुकसान भी हो सकता है।

अगले वर्ष लोकसभा चुनाव से पहले कई और राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ा है,इन राज्यों में छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार और मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार भी शामिल है।
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में इसी साल नवंबर महीने में चुनाव होने वाला हैं और राजस्थान में दिसंबर महीने में,कहा जाताहै कि जिस तरह से मध्य प्रदेश का चुनाव बीजेपी के लिए मुश्किल है, उसी तरह से कांग्रेस के लिए राजस्थान में है।


विधानसभा चुनाव का असर -

इन तीन अहम राज्यों के अलावा मिज़ो नेशनल फ्रंट शासित मिज़ोरम में नवबंर में चुनाव होने वाला है तथा तेलंगाना राष्ट्र समिति से भारत राष्ट्र समिति बनाने वाले के चंद्रशेखर राव शासित तेलंगाना में दिसंबर महीने में चुनाव होने वाला है।
विधानसभा चुनाव का सिलसिला अभी तक खत्म नहीं हुआ है,लोकसभा चुनाव से पहले या साथ में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम तथा ओडिशा में भी विधानसभा चुनाव होने वाला है,इन राज्यों में अगले वर्ष अप्रैल में चुनाव होगा और लोकसभा चुनाव मई महीने में होंगा।
लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत होने से बीजेपी के लिए किसी भी लिहाज से अच्छी ख़बर नहीं है।
ओडिशा में नवीन पटनायक, आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी और तेलंगाना से चंद्रशेखर राव काफ़ी लोकप्रिय नेता रह चुके हैं,इन तीनों राज्यों में बीजेपी की मौजूदगी होने से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा है,ऐसे में कर्नाटक के बाद इन राज्यों में बीजेपी के लिए उम्मीद की कोई ठोस वजह नहीं है।
भारत के मतदाता विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जनादेश अलग-अलग तरह के होते है,राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी लेकिन लोकसभा चुनाव में राजस्थान की 25 में से 24 बीजेपी को जीत मिली है।
इसी तरह से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के नतीजे रह चुके है,लोकसभा और विधानसभा चुनाव के नतीजे अलग-अलग पिछले कई चुनावों से दिखने क़ो मिल रहे है,लेकिन आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना के विधानसभा और लोकसभा के नतीजे एक जैसे देखने क़ो मिल रहे है।

हिन्दी प्रदेश से अलग जनादेश -

आंध्र प्रदेश में 2019 के विधानसभा चुनाव में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी को जीत मिली थी और लोकसभा चुनाव में भी कुल 25 सीटों में से 22 सीटों से जीत हुई थी,3सीट टीडीपी के खाते में गई थी,बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिल पायी थी।

ओडिशा में विधानसभा चुनाव में नवीन पटनायक को जीत मिली थी और लोकसभा चुनाव में भी 21 में 12 सीटों पर जीत मिली थी, मार्च 2000 में ओडिशा के मुख्यमंत्री बनने के बाद से नवीन पटनायक चुनाव नहीं हारे हैं,
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव जीतकर भी कांग्रेस इस बात से आश्वस्त नहीं थी कि लोकसभा में उन्हें जीत मिलेगी।

वर्ष 2013 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी 224 विधानसभा सीटों में 40 पर समिटकर रह गयी थी लेकिन 2014 के आम चुनाव होने पर बीजेपी को प्रदेश में 28 सीटों में से 17 सीटों पर जीत हासिल हुयी थी,वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी 28 सीटों में से 25 सीटों पर जीत मिली थी।




नरेंद्र मोदी अलोकप्रिय नहीं' मिली -

नीरजा चौधरी का कहना है कि कर्नाटक में बीजेपी के पास स्थानीय नेतृत्व कांग्रेस की तुलना में बहुत कमज़ोर है, बीजेपी के पास येदियुरप्पा के अलावा कोई कद्दावर नेता नहीं है, येदियुरप्पा भी अब काफ़ी अलोकप्रिय है,कर्नाटक में बीजेपी की हार से ज़्यादा कांग्रेस की जीत महत्वपूर्ण रखती है।

नीरजा चौधरी जी का कहना है कि मैं नहीं मानती हूं कि कर्नाटक में कांग्रेस की जीत मोदी के अलोकप्रिय होने के कारण हुयी है,यह ज़रूर कह सकती हूँ कि बीजेपी का स्थानीय नेतृत्व ख़ासा अलोकप्रिय था, दूसरी बात यह कि जितनी बड़ी जीत कांग्रेस को मिली है, इससे यह स्पष्ट होता है कि पारंपरिक रूप से बीजेपी को वोट करने वाले जनता ने भी कांग्रेस को वोट दिया है।

आने वाले चुनावों में कांग्रेस को बीजेपी क़ो चुनाव मे बहुत नुकसान होगा राजस्थान में सचिन पायलट बनाम अशोक गहलोत का विवाद बढ़ता ही जा रहा है,दोनों नेता आपस मे बातचीत कर रहे है।

मध्य प्रदेश के लोकप्रिय ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में जा चुके हैं और इसका सीधा असर प्रदेश कांग्रेस की सेहत पर भी पड़ा सकता है,दूसरी ओर राजस्थान और मध्य प्रदेश में बीजेपी के भीतर ऐसा कोई असर नहीं पड़ेगा।


मोदी जी की अपील काम नहीं आयी -

रामाशेषण कहना है कि नरेंद्र मोदी ने चुनावी कैंपेन के आख़िरी में बजरंगबली के नाम पर जनता से वोट मांगना शुरू किया, लेकिन कई रोड शो किए फिर भी मोदी जी की अपील कोई काम नहीं आयी,बीजेपी ने येदियुरप्पा को हटाकर बासवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बना दिया और उनका इस प्लान से उन्हें भारी नुकसान हुआ।

भले ही कर्नाटक चुनाव के नतीजे से अगले वर्ष चुनाव का रिजल्ट आकलन नहीं कर सकते है लेकिन कर्नाटक की जनता ने बीजेपी मोदी जी क़ो चुनाव मे हार का सामने करते हुये उन्हें काफ़ी नुकसान होगा वो भी कर्नाटक के चुनाव की वजह से होगा।

बीजेपी के लिए यह सबक़ है कि वह प्रदेश के स्थानीय नेताओं को ख़ारिज कर कुछ समय के लिए चुनाव नहीं जीत सकता है।

उत्तराखंड में बीजेपी ने पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी बीजेपी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया दिया।Letsdiskuss


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