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पढ़ाई से जी चुराने वाले बच्चों को कैसे सुधारें?
दोस्तों इस पोस्ट का जवाब आपको बेहतर तरीके से हम दे रहे हैं आखिरकार अगर बच्चे पढ़ाई से जी चुराते हैं तो उनका भविष्य अंधकार में हो सकता है इसलिए पैरस लोग परेशान रहे थे कि उनका बच्चा पढ़ाई नहीं करता है असल में समस्या क्या है उसके बारे में हम यहां पर आपको जानकारी देने वाले हैं इस आर्टिकल को आप पूरा पढ़ें-
बच्चे का अगर बेसिक कमजोर है तो उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता है। अगर वह आठवीं सातवीं कक्षा में है और उसकी बेसिक पढ़ाई कमजोर है जैसे उसे गुड़ा भाग करना नहीं आता है या हिंदी इंग्लिश से और लिख नहीं पाता है तो उसकी परफॉर्मेंस भी आगे चलकर अच्छी नहीं होती है। ऐसे बालक पिछड़े बालक कहलाते हैं जो पढ़ाई में अपने बेसिको बुनियादी शिक्षा को ग्रहण नहीं कर पाते हैं इस कारण से बड़ी कक्षाओं पढ़ाई करने में रुचि नहीं दिखाते हैं। इसका समाधान यह है कि आप अपने बच्चे की बेसिक यानी फंडामेंटल पढ़ाई को सुधारे। जब बच्चा भी ऐसी चीजों को अच्छी तरीके जानने लगेगा तो वह पढ़ने में भी रुचि दिखाएगा और उसका मन पढ़ाई में लगने लगेगा।
किसी विषय में उसका मन नहीं लगता है
अगर किसी विषय में जैसे मैथ या सोशल स्टडी या किसी और विषय में वहां बच्चा पढ़ाई में मन नहीं लगाता है तो इसका मतलब यह हुआ कि वह विषय उसे समझ में नहीं आ रहा है। इसके लिए आपको उसके टीचर से बात करना चाहिए और सरल सहज ढंग से उसे उसी टॉपिक को बताना चाहिए। जब बच्चा रुचि लेने लगता है तो उसका पढ़ाई में मन लगने लगता है।
अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने पर जी नहीं लगना
आजकल की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम में होती है लोग सोचते के अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ाने से उनका बच्चा तेज हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं क्योंकि घर में अंग्रेजी का माहौल नहीं होता है और वह अपने शुरुआती विषयों को अंग्रेजी में अच्छे से समझ नहीं पाता है इसलिए उसे पढ़ाई अच्छी नहीं लगती है। यह समस्या छोटी क्लास के बच्चों में अधिक होती है इसलिए नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कहा गया है कि बच्चों के मदर टंग में ही पढ़ाई कराया जाए।
इसलिए आपको ध्यान रखना कि आपका बच्चा अंग्रेजी माध्यम में पड़ रहा है तो उसे जो चीजें समझ में नहीं आ रही उन्हें आप उनकी भाषा में समझाएं इससे उनकी पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी और कक्षा में परफॉर्मेंस भी अच्छा होगा।
अगर बच्चा पढ़ाई में ध्यान नहीं देता तो उसका कारण यह भी हो सकता है, ज्यादा देर तक टीवी देखता मोबाइल देखता है। इसके अलावा वह घूमता रहता और खेल में ध्यान देता है। इस कारण से उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता है। उसे समझाएं और बताएं पढ़ाई बहुत महत्वपूर्ण होती है। अगर फिर भी ना माने तो उसे उन सभी सुविधाओं को देना बंद कर दे जिससे कि बच्चे को मालूम होगा कि अगर माता-पिता के अनुसार नहीं चलेंगे तो हमें सुविधाएं भी नहीं मिलेगी।
बच्चे के पढ़ने लिखने और टीवी देखने आदि का टाइम टेबल बना और उसका सख्ती से पालन करवाएं देखिए कुछ महीने में ही आपका बच्चा पढ़ाई में भी ध्यान देने लगेगा और वह अनुशासन को मानने वाला बन जाएगा।
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बहुत से बच्चे पढ़ाई से जी इसलिए चुराने लगते है क्योकि उनके माता -पिता अपने बच्चो कों हर वक़्त पढ़ाई करने के लिए उन्हें ज़बरजस्ती करते रहते है। बच्चो का मन पढ़ाई करने नहीं लगता है फिर भी उनके माता -पिता जबरजस्ती उनको सारा दिन पढ़ाई के लिए बैठा कर रखते है, लेकिन बच्चो कों पढ़ने का एक समय तय करे जिसमे बच्चे एक सब्जेक्ट एक घंटे बिना जी चुराए मन लगा कर पढ़ाई करे। उसके बाद उन्हें गेम खेलने का समय दे,साइकिल चलाने का समय दे ताकि वह पढ़ाई करने से जी ना चुराए। क्योकि पढ़ाई कर करके बच्चे बोर हो जाते है इसलिए वह पढ़ाई से जी चुराने लग जाते है।
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यदि आपका बच्चा पढ़ाई से जी चुराने लगे तो उसे सुधारने के लिए उसे जबरजस्ती पढ़ाई करने के लिए मारे, डांटे नहीं बल्कि उन्हें प्यार से समझाये उन्हें पढ़ाई के महत्व के बारे मे समझाये तभी बच्चो का मन पढ़ाई करने के लिए लगने लगेगा।
इसके अलावा यदि आपका बच्चा पढ़ाई करने से जी चुराता है तो उसे पार्क मे लेकर जाये तो उसके साथ फुटबाल खेले जिससे बच्चे का मन बदलेगा और फिर बच्चे क़ो पढ़ाई करने के लिए मनाये, बच्चा आपने आप पढ़ाई करने के लिए राजी हो जाएगा।
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आज के समय में ऐसे बहुत से बच्चे हैं जो पढ़ाई से जी चुराते रहते हैं और अपना मन पढ़ाई में बिल्कुल भी नहीं लगाते हैं ऐसे में माता-पिता की चिंता और अधिक बढ़ जाती है इसलिए मैं आपको यहां पर कुछ ऐसे टिप्स बताना चाहती हूं जिन को अपनाने के बाद आपके बच्चे बिल्कुल भी पढ़ाई से जी नहीं चुराएंगे।
जब भी आपका बच्चा पढ़ाई करने के लिए बैठे तो आप उसे मोटिवेट करने के लिए उसके साथ में बैठे और ध्यान रहे कि उस समय आप लैपटॉप या मोबाइल का यूज बिल्कुल ना करें बल्कि आपका बच्चा जो पड़ रहा हो उसे उसकी उस पढ़ाई में मदद करें। इससे बच्चे का मन पढ़ाई में लगा रहेगा।
इसके अलावा आप बच्चे को पढ़ाने के लिए टाइम टेबल बना ले। ताकि बच्चा टाइम टाइम पर पढ़ता रहे।
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