क्या दिल्ली को कूड़े की राजधानी कहना ठीक है ? - letsdiskuss
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Aayushi Sharma

Content Coordinator | Posted on | others


क्या दिल्ली को कूड़े की राजधानी कहना ठीक है ?


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Technical executive - Intarvo technologies | Posted on


हाँ दिल्ली की वर्तमान स्थिति को देखते हुए ये कहना बिलकुल गलत नहीं होगा की दिल्ली कूड़े की राजधानी है | देश की राजधानी मे दिन प्रतिदिन बढ़ते हुए कूड़े से खौफ और लोगो में परेशानी की मनोदशा बनी हुई है |
जबकि दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली में 1950 से लेकर अब तक 12 बड़े-बड़े कचरे के ढेर बनाए जा चुके हैं जो करीब पांच से सात मंजिल तक ऊँचे हैं।
Indian water portal के एक लेख के आधार पर पता चलता है की विकसित देशों की तुलना में हमारे यहाँ हर वर्ष निकलने वाले कचरे की मात्रा तो काफी कम है पर यह प्रत्येक वर्ष 20 प्रतिशत की दर से लगातार बढ़ा जा रहा है।

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आइए आपको बताते हैं की दिल्ली के कौन कौन से इलाके कूड़े की समस्या से परेशान है -
- आज तक' के रियलिटी चेक में जगतपुरी की कॉलोनी का बुरा हाल नजर आया. यहां पिछले 1 महीने से कूड़ाघर टूटा हुआ है, लिहाजा आसपास कूड़े का अंबार लगा है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने हर जगह कूड़े को लेकर शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नही हुई.


- इसी तरह शिवपुरी इलाके में भी कूड़े का यही हाल है. स्कूल के ठीक बहार बड़ा सा कूड़ा घर हैं, जिसमे कूड़ा भरा हुआ है. बच्चे उसी रास्ते से निकलने पर मजबूर हैं. इलाके के लोगों ने इसके बारे में भी शिकायते कर रखी है. लेकिन यहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई.
शहर के बाहर खुले गड्ढे और शहर के अंदर कचरे का ढेर इन सभी चीज़ो पर रोक लगनी चाहिये , और सरकार और समाज को इस विषय में गहराई से सोचने की जरुरत है कयोंकि आने वाले दिनों में यह एक बहुत ही गंभीर स्थिति के रूप में विस्तृत हो रही है जो की स्वास्थ्य के लिए ही नहीं बल्कि समाज के लिए भी अच्छा नहीं है |


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interior designer | Posted on


भले ही हम आम लोगों को कूड़े की परेशानी रोज़ाना के काम जैसी लगती हो लेकिन वर्तमान समय में यह एक बहुत बड़ा सत्य और गंभीर बीमारी है जिसे हम अपनी आँखोनें से देख कर भी अनदेखा करने पर तुले हुए है, क्योंकि आज का समय ऐसा आ गया है जहाँ हम शारीरिक सफाई देखते है बस अपने आस पास की गंदगी से हमारा कोई लेना देना नहीं है क्योंकि यह ज़िम्मेदारी तो समाज की है हमारी नहीं लेकिन यह समाज बनता कहाँ से है और कौन लोग है इस समाज में जिनकी यह ज़िम्मेदारी है |


Letsdiskusscourtesy-India Today

आज दिल्ली में जगह - जगह गलियों में सड़कों पर इस तरीके से कचरा फेका हुआ है जैसे यह अब दिल्ली वालों के लिए आम बात हो गयी है उनका इस बात से कोई लेना - देना नहीं है कि सड़कों पर इतनी गंदगी किन कारणों की वजह से है | यही वजह है कि कोई भी इस बात की गंभीरता को सही ढंग से नहीं देख पा रहा है कि आने वाले कुछ सालों में दिल्ली सिवाय कूड़े के ढेर के कुछ नहीं बचेगी | साथ ही कूड़े कचरे से फैलने वाली बीमारियां सिर्फ अस्पतालों में मरीज़ बढ़ाने के अलावा कुछ भी नहीं करेगी |

courtesy-scoopwoop
यहाँ तक की साल 2018 में दिल्ली सरकार ने सड़कों पर कचरा फ़ैलाने के लिए जुरमाना भी लगाया उसके बावजूद भी दिल्ली में सिवाय कचरे के कुछ नहीं दिखता है | ऐसी परिस्थतियों में यह सवाल तो बिलकुल लाज़मी है की क्या अब दिल्ली को कूड़े की राजधानी कहना ठीक है |


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| Posted on


एक समय था जब दिल्ली जैसे शहर इतना साफ शहर हुआ करता था कि यहां आपको कूड़े का ढेर कहीं पर भी देखने को नहीं मिल सकता था लेकिन वर्तमान समय में दिल्ली जैसे शहर का ऐसा हाल हो गया है कि दिल्ली को लोगों कूड़े के शहर के नाम से पुकारने लगे हैं क्योंकि जब भी आप दिल्ली में कहीं घूमने के लिए जाएंगे तो आपको जगह जगह पर दिल्ली में कूड़े का ढेर देखने को मिलेगा, क्योंकि यहां के लोग इतने आलसी हो चुके हैं कि कूड़े कचरे का ढेर कहीं पर भी लगा देते हैं।

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