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Brij Gupta

Optician | Posted on | News-Current-Topics


मोदी के अलग-अलग अभियानों से क्या इस देश में कोई सुधार आया है?


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pravesh chuahan,BA journalism & mass comm | Posted on


प्रधानमंत्री के तीन ऐसें प्रमुख अभियान है जिसे हमारे देश का हर नागरिक बिल्कुल अच्छी तरीके से जानता है क्यों जानता है इसके पीछे भी बहुत बड़ी वजह है इन अभियानों के प्रचार प्रसार में इतनी बड़ी संख्या में पैसा खर्च किया गया है कि हर कोई इन योजनाओं से वाकिफ हो गया हैं| तो चलिए जानते हैं इन अभियानों से देश में क्या सुधार आया हैं

स्वच्छ भारत अभियान

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक आंकड़े जारी किए थे इन आंकड़ों में दुनिया के 20 प्रदूषण वाले शहरों को गिना जाता है आपको जानकर यह हैरानी होगी कि दुनिया के 20 प्रदूषित शहरों में से 14 शहर केवल भारत के ही हैं इस रिपोर्ट से साफ जाहिर होता है कि स्वच्छ भारत अभियान के सिर्फ प्रचार प्रसार को ही बढ़ावा दिया गया था इसका एक अच्छा उदाहरण नोटबंदी के बाद नए नोटों पर 'स्वच्छ भारत अभियान' का प्रचार हो सकता है

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
यह अभियान 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से आरंभ किया गया था | जिसका मुख्य उद्देश्य बेटियों की शिक्षा एवं सुरक्षा के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना था| एक रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के प्रचार प्रसार में ही 2015 से लेकर 2018 तक 208.95 करोड़ खर्च कर दिए है| जबकि सरकार ने राज्यों को इस योजना के लिए अब तक केवल 39.49 करोड़ पर ही दिए हैं| अब यह नहीं पता कि कांग्रेस शासित राज्यों में मोदी सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत पैसे दिए हैं या नहीं | यह भी एक बहुत बड़ा मुद्दा बना हुआ है|
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2012 में जहां ये बच्चियों के साथ बलात्कार के 8,541 मामले सामने आए है। 2016 में 19,765 मामले आए. ये आंकड़े पहले के मुकाबले दोगुने हो गए है।

नमामि गंगे
गंगा सफाई का जिम्मा नरेंद्र मोदी ने बनारस से चुनाव लड़ते वक्त लिया था| इस अभियान को मोदी ने नमामि गंगे का नाम दिया था |अब सवाल यह उठता है कि गंगा की सफाई हुई या नहीं |क्योंकि मोदी ने गंगा के नाम पर ही बनारस के लोगों से वोट मांगा था |इस योजना का बजट 20,000 करोड रुपए था गंगा सफाई के लिए 2011 में ही विश्व बैंक की तरफ से भी 4600 करोड रुपए से अधिक पैसा मिला था |इसके अलावा जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी ने भी बनारस में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए 496 करोड रुपए दिए थे. तो क्या पिछले 5 सालों में इनमें से कोई भी काम हुआ और हुआ तो कितना हुआ?
एक रिपोर्ट के अनुसार ऋषिकेश से ही गंगा प्रदूषित होना शुरू हो जाती है |मुरादाबाद के बाद से तो गंगा का पानी पीने तो क्या नहाने लायक भी नहीं रह जाता यह तथ्य खुद एनजीटी और केंद्रीय व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिए हैं | हालात इतने ज्यादा खराब हो गए हैं कि गंगा के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा भी घटने लगी है| अब आप सोच सकते हैं कि अगर सरकार ने पैसा गंगा की सफाई पर लगाए होते तो इतनी बुरी हालत गंगा की नहीं हुई होती| सोचने वाली बात यह है कि सरकार को विश्व बैंक और जापान से भी गंगा की सफाई के लिए पैसा मिला था| आखिर सरकार ने उन पैसों का क्या किया? यह भी एक राज बन कर रह गया है

इन अभियानों में सुधार तो दूर बल्कि मोदी सरकार का भ्रष्टाचार सामने आया है
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| Posted on


Letsdiskuss प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद कई अलग अलग तरह के अभियान चलाए हैं। शायद उनकी कोशिश प्रधान सेवक के साथ साथ राजा राममोहन राय जैसा समाज सुधारक बनने की रही होगी। विशेष तौर पर स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों पर खूब नगाड़े बजाए गए। सरकार ने इन अभियानों को सफल बनाने के लिए अरबों रुपये फूंक डालें लेकिन इससे देश में कोई उल्लेखनीय सुधार हुआ हो, ऐसा नहीं लगता।

स्वच्छ भारत अभियान को प्रचारित, प्रसारित करने के लिए खूब ढिंढोरा पीटा गया। साफ सुथरे जगहों पर भी झाड़ू मारकर अखबारों और न्यूज़ चैनलों में फोटो छपवाए गए। जहां जहां, जिस जिस क्षेत्र को ओडीएफ घोषित किया गया, आज भी वहां खुले में शौच दिखाई पड़ ही जाता है। दरअसल ये अभियान मोदी सरकार के पहले यूपीए सरकार ने शुरू किया था, निर्मल भारत अभियान के नाम से। आपको याद होगा कि डॉ मनमोहन सिंह के जमाने में अभिनेत्री विद्या बालन का टीवी पर विज्ञापन आया करता था, जहां शौच वहां शौचालय। मनमोहन सरकार में भी स्वच्छता अभियान टांय टांय फिस्स रहा और मोदी सरकार में भी।


बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ भी महज प्रचार का माध्यम बन कर रह गया। नारी अत्याचार और यौन उत्पीड़न की समस्याएं बदस्तूर जारी है। हां, इन अभियानों की आड़ में कुछ एनजीओ ने खूब पैसे बनाए।



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Fashion Designer... | Posted on


अब चुनाव आ रहे हैं तो सबको यही लग रहा है | मोदी जी ने क्या किए क्या नहीं ये सभी जानते हैं परन्तु उनके कामों से फायदा जिनको होना था उनको हुआ या नहीं ये महत्वपूर्ण विषय है | जिस पर मुझे नहीं लगता कोई ध्यान देता होगा |


मोदी जी के अभियानों को याद न करते हुए इस बात पर ध्यान दें कि उनके किसी अभियान का लाभ ऐसी जनता हो मिला जिसको मिलना चाहिए तब इन अभियानों का कोई मतलब है वरना नहीं |

Letsdiskuss



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