क्या ईशा अंबानी की शादी से देश की अर्थव्...

| Updated on December 10, 2018 | News-Current-Topics

क्या ईशा अंबानी की शादी से देश की अर्थव्ययस्था में सुधार आएगा ?

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@rahulashrivastava3892 | Posted on December 10, 2018

मुकेश अंबानी का नाम शायद ही कोई है, जो नहीं जानता | भारत के जाने-माने व्यापारी मुकेश अंबानी अक्सर खबरों में रहते हैं | इस बार यह अपनी बेटी को लेकर खबरों में हैं | मुकेश अंबानी की बेटी की शादी होने वाली है | 12 दिसम्बर को मुकेश अंबानी की बेटी की शादी व्यापारी अजय पीरामल के बेटे आनंद पीरामल से होने वाली है |


दोनों ही परिवार एक दिग्गज व्यापारी है | अभी हाल ही में हुई ईशा अंबानी की प्री-वेडिंग में कई बॉलीवुड सितारे भी शामिल हुए | अब सवाल आता है, कि मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी की शादी से देश की अर्थव्यवस्था में कैसे सुधार आएगा | ये सोचनीय बात है कि ऐसा कैसे हो सकता है | जबकि यह दो ऐसे परिवारों में शादी है, बेशक वो व्यापारी हैं, परन्तु उनके व्यापार से देश की अर्थव्यवस्था कैसे ठीक होगी ये समझना थोड़ा मुश्किल है |



दोनों परिवार का आर्थिक स्तर :-

मुकेश अंबानी -
जैसा कि रिलयांस इंडस्ट्रीज के MD और चेयरमैन मुकेश अंबानी है | रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की मार्किट में वैल्यू 7.17 ट्रिलियन अर्थात 71.7 हजार करोड़ रुपये की है, और कंपनी का रेवेन्यू 4.31 लाख करोड़ रुपए है | साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के साथ उसकी सहयोगी कंपनी में जियो, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस पेट्रोलियम, नेटवर्क 18, रिलयांस रिटेल कंपनी भी शामिल है |

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अजय पीरामल -
अजय परिमल "पीरामल ग्रुप" और "श्रीराम कैपिटल" के चेयरमैन हैं, और यह भी व्यापार में मुकेश अंबानी से कुछ कम नहीं है | अजय पीरामल की कंपनी "पीरामल एंटरप्राइजेज" की मार्किट वैल्यू 38, 242 करोड़ रुपये की है | अजय पीरामल कंपनी का कुल वैल्युएशन लगभग 70 हजार करोड़ रुपये है | इसके पूरे विश्वभर में 30 से भी ज्यादा देशों में ऑफिस है |

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देश की अर्थव्यवस्था पर असर :-
एक बात अगर यह देखि जाए तो मुकेश अंबानी और अजय पीरामल अपने व्यापार की पॉलिसी को एक दूसरे के हित में निर्धारित करते हैं, तो अन्य कंपनी के लिए चुनौतियां बढ़ जाएंगी | जब नै चुनौतियां बढ़ जाएंगी तो स्वाभाविक रूप से कॉम्पिटिशन का एक दौर आ जाएगा | वैसे भी मुकेश अंबानी ने जब से जिओ 4G को लांच किया तब से और कंपनी को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है |

अब जब दोनों व्यापारी एक साथ मिलते हैं, तो हो सकता है कि रियल स्टेट, फर्मास्युटिकल और फाइनेंस से सम्बंधित कई और नए काम के साथ मुकेश अंबानी को जुड़ना पड़े | देखा जाए तो इसका देश पर सकारात्मक असर हो सकता है | जैसे मुकेश अंबानी ने टेलीकॉम से सम्बंधित समस्याओं को हल किया वैसे ही हो सकता है, चीज़ों की दाम कम हो और चीज़ें आसानी से सस्ते दामों में मिल सके |

यह एक सही धारणा कह सकते हैं, अब देखना यह है, कि होता क्या है |

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