एक बार फिर ISRO (Indian Space Research Organisation) चंद्रयान-2 को रोक दिया गया | ISRO की चाँद पर जाने की ख्वाहिश एक बार फिर किसी कारण से पूरी नहीं हो सकी | आपको बता दें पहले इस चंद्रयान-2 को अक्टूबर 2017 में भेजा जाना था, पर किस कारणवश पहले भी इसको रोक दिया गया और फिर इस मिशन को 2018 में पूरा करना था, परन्तु फिर कुछ technical problem के कारण मिशन चंद्रयान-2 फिर रोकना पड़ा |
क्या हैं मिशन चंद्रयान ?
Indian Space Research Organisation का मिशन चंद्रयान का उद्देश्य सिर्फ चन्द्रमा के बारें में सही जानकारी लेना हैं, यह मिशन चंद्रयान-2 हैं, जो अभी स्थगित हुआ हैं | इससे पहले मिशन चंद्रयान-1 Indian Space Research Organisation के कार्यक्रम के अंतर्गत चन्द्रमा की तरफ जाने वाला पहला भारतीय यान था |
मिशन चंद्रयान-1 को 22 अक्टूबर 2008 में चन्द्रमा पैर भेजा गया था और यह 30 अगस्त 2009 तक active था | इस यान को चन्द्रमा तक पहुँचने में 5 दिन लगे थे, पर चन्द्रमा की में स्थापित करने में इसको 15 दिन लग गए | मिशन चंद्रयान का उद्देश्य चन्द्रमा में पानी और हीलियम की तलाश करना था, और सबसे महत्वपूर्ण चन्द्रमा की सतह का नक्शा लेना था |
मिशन चंद्रयान-2 के रोके जाने का कारण जब पूछा गया तो ISRO के अधिकारी ने कहा, "हम कोई भी जोखिम मोल नहीं लेना चाहते हैं, अब चंद्रयान-2 मिशन को जनवरी में रवाना किया जा सकता है " वो भी तब जब सब कुछ सही रहा तो ही मिशन चंद्रयान-2 जनवरी 2019 में होगा | ISRO का कहना हैं, वो पहले ही इस साल 2 मिशन की नाकामयाबी झेल चुका हैं, और अब वो मिशन चद्रयान-2 के मामले में कोई risk नही लेना चाहता |
क्यों रोका गया मिशन चंद्रयान-2 ?
जैसा कि चंद्रयान-2 को दूसरी बार रोका गया हैं, इससे पहले इसकी launching अप्रैल में होना था, इस साल की शुरुवात में ISRO ने Military satellite GSAT-6A को लांच किया था, इसके बाद मिशन चंद्रयान-2 को launch करना था, परन्तु Military satellite GSAT-6A के साथ ISRO का संपर्क टूट गया, जिसके कारण मिशन चंद्रयान-2 को रोकना पड़ा | इसके बाद GSAT-11 from French Guyana की launching के बाद मिशन चंद्रयान-2 launch करना था, परन्तु GSAT-11 में अभी कुछ तकनिकी जांच करना हैं, यह कह कर मिशन चंद्रयान-2 को रोक दिया गया |