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Sneha Bhatiya

Student ( Makhan Lal Chaturvedi University ,Bhopal) | Posted on | Astrology


करवाचौथ क्यों मानते हैं, और इस व्रत हमें क्या नहीं करना चाहिए ?


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करवा चौथ एक ऐसा त्योहार है जिसका इंतजार महिलाएं पूरे साल करती हैं! उत्सव, उपवास और दावत द्वारा चिह्नित एक दिन, यह आमतौर पर देश के उत्तरी क्षेत्रों में विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा अपने पति के लिए लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए मनाया जाता है। महिलाएं दिन भर बिना पानी की एक बूंद या भोजन का सेवन किए गुजरती हैं, केवल चांद दिखने पर ही इसे तोड़ती हैं। जहां उत्साह का स्तर बेजोड़ है और महिलाएं इस दिन को चिह्नित करने के लिए बड़ी तैयारी करती हैं, त्योहार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा अनुष्ठानों का पालन करना है- जिसमें प्रथागत सरगी और उपवास तोड़ना शामिल है।


यदि आप पहली बार करवा चौथ मना रहे हैं या आप व्रत को अधिक स्वस्थ तरीके से रखने के लिए कुछ सुझावों की तलाश कर रहे हैं जो आपको तनाव नहीं देते हैं, तो यहां मदद है।

करवा चौथ पर ध्यान रखने योग्य क्या करें और क्या न करें
- सास अपनी बहू को जो सरगी देती है, वह न केवल प्रथा है, बल्कि इसमें वह भोजन भी होता है जिसे आप सुबह सूर्योदय से पहले खाते हैं। चूंकि आपको केवल एक बार खाने की अनुमति नहीं है, इसलिए सिरदर्द, चक्कर आने से बचने के लिए सही खाना जरूरी है।


- कोशिश करें कि सुबह के समय प्रोटीन और कॉम्प्लेक्स कार्ब्स से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। ये पचने में थोड़ा अधिक समय लेते हैं और आपको अधिक समय तक भरा हुआ रखते हैं, साथ ही आपकी भूख को भी शांत करते हैं।


- जबकि प्रसाद में अक्सर मिठाइयां और तली हुई चीजें जैसे मट्ठी शामिल होती हैं, अपने भोग के साथ अति न करें। ये आपको फूला हुआ महसूस करा सकते हैं। कोशिश करें और इसके बजाय कई तरह के मेवे, दालें और दही खाएं।


- व्रत शुरू होने से पहले जितना हो सके उतना पानी पिएं। निर्जलीकरण सिरदर्द और थकान के विकास के जोखिम को बढ़ा सकता है, जो आपको सूखा और थका सकता है। फलों का रस भी सहायक होता है।


- करवा चौथ का व्रत करने वाली महिलाओं को भी भोजन बनाने में कैंची, सुई या चाकू का प्रयोग नहीं करना चाहिए. अपने भोजन को बहुत अधिक मसाला देने से बचें।


-एसिडिटी होने की संभावना से बचने के लिए कॉफी और चाय पीने से बचना चाहिए।


-चूंकि दिन में आपको लंबी अवधि के लिए उपवास रखने की आवश्यकता होती है, आमतौर पर महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे ज़ोरदार गतिविधियों में शामिल न हों। अपने आप को विचलित करने की कोशिश करें या दिन में गतिविधियों में खुद को व्यस्त रखें।


-गर्भवती महिलाओं के लिए व्रत सामान्य से अधिक तनावपूर्ण हो सकता है। यदि आपका परिवार इसके लिए अनुमति देता है, तो आप हल्का उपवास करना चुन सकते हैं, जिससे आप दिन भर दूध और उपवास कर सकते हैं।


- व्रत तोड़ने और पूजा खत्म करने के बाद भोजन को एक बार में निगलने की कोशिश न करें. एक अच्छी टिप यह होगी कि पहले एक गिलास पानी पिएं और धीरे-धीरे अपना खाना खाएं।


-सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह दिन महिलाओं को मनाता है और इसलिए आराम की कुंजी है। अपने शरीर पर ज़ोर न डालें और दिन का आनंद लें!

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करवा चौथ का व्रत का हिंदू महिलाओं के लिए एक विशेष महत्व होता है जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इस व्रत को रखने से पति की उम्र लंबी होती है और इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती है इस बात को रखने से वैवाहिक जीवन में सुख और शांति बनी रहती है। यह व्रत सुबह 4:00 बजे से लेकर शाम शाम तक चलता है जब तक चंद्रमा नहीं निकल आता। इस व्रत के कई दिनों पहले से ही बाजार में चहल-पहल मच जाती है।

करवा चौथ वाले दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए :-

ध्यान रहे कि इस दिन सफेद रंग की कोई भी वस्तु या सफेद रंग की साड़ी नहीं पहनी चाहिए और ना ही सफेद रंग की कोई भी वस्तु दान करनी चाहिए।

करवा चौथ वाले दिन को सिलाई नहीं करनी चाहिए।Letsdiskuss


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जैसा कि सभी जानते हैं, करवाचौथ का व्रत सभी सुहागने अपने पति की लंम्बी उम्र के लिए रखती हैं | करवाचौथ व्रत कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस व्रत को करक व्रत भी कहते हैं | यह त्यौहार होइ अष्टमी और तीज की तरह होता है | करवाचौथ का यह व्रत सुबह 4 बजे से प्रारम्भ होता है, और चन्द्रमा के आने के बाद यह व्रत पूरा होता है |

आज आपको इस व्रत के कुछ नियमों के बारें में बताते हैं, कि हमें इस व्रत में क्या नहीं करना चाहिए :-

- इस व्रत सुबह 4 बजे जागना होता है, उसके बाद जब तक सूरज नहीं निकलता तब महिला पानी पी सकती है, उसके बाद व्रत शुरू हो जाता है, और जो व्रत लेती है, वो महिला पानी नहीं पी सकती |

- करवाचौथ व्रत पूरा होने के बाद अक्सर महिलाएं कपड़े बदल लेती हैं, और अपने हाथों की चूड़ियां निकल लेती है | पूजा करने के तुरंत बाद सुहागनमहिलाओं को अपने हाथों की चूड़ियां नहीं निकलना चाहिए |

- व्रत के समय महिलाएं जो भी श्रृंगार करती हैं, उसको पूजा करने के बाद तुरंत उतार देती है | जो की गलत हैं, पूजा के कम से कम 2 घंटे तक श्रृंगार नहीं उतारना चाहिए |

- आज कल की सुहागने तो माथे पर बिंदी नहीं लगाती हैं, पर व्रत के समय अगर लगा भी लेती हैं, तो वो पूजा के बाद निकल देती हैं | ऐसा करना अशुभ होता है |

- करवाचौथ व्रत के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए | वैसे तो किसी भी व्रत में बाल कटवाना सही नहीं होता | परन्तु करवाचौथ व्रत के दिन बाल कटवाना शुभ नहीं होता और साथ ही बालों में तेल नहीं लगाना चाहिए |

- व्रत के समय पहनने वाले कपड़ों में कालाऔर सफ़ेद रंग का प्रयोग न हो | अगर संभव हो तो नया कपड़ा ही पहनना चाहिए, और लाल रंग ही पहने |

- व्रत के दिन सफ़ेद रंग की कोई भी चीज़ दान में नहीं देना चाहिए और न ही लेना चाहिए |

- सुई धागे और सिलाई का कोई भी काम नहीं करना चाहिए |

- करवाचौथ वाले दिन कपड़े नहीं धोना चाहिए | उस दिन कपड़े धोना शुभ नहीं माना गया है |

यह कुछ बातें हैं, जिनका ख्याल रखना चाहिए |

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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | Posted on


हमारे हिंदू धर्म की सभी महिलाएं करवा चौथ का व्रत इसलिए मनाती हैं ताकि उनके पति की लंबी आयु हो और उनका सुहाग हमेशा बना रहे ! करवा चौथ के दिन सभी महिलाएं अपने पति के नाम का व्रत रखती हैं,मेहंदी लगाती है, सोलह सिंगार करती है और उस रात चंद्र देव की पूजा करती है इसके बाद चलनी से चंद्र देव को देखती हैं और उनको जल अर्पित करती हैं ! उसके बाद वह अपने पति को भी चलनी से देखती हैं और उनके हाथों द्वारा अपना व्रत तोड़ती हैं ! उस दिन औरतें माता करवा की पूजा करती हैं और अपने सुहाग को बनाए रखने की कामना करती है !

- करवा चौथ के दिन हमें कोई भी काला वस्त्र नहीं पहनना चाहिए और ना ही सफेद वस्त्र का दान देना चाहिए ! हमें उस दिन सभी का सम्मान करना चाहिए !Letsdiskuss


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