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राहुल ओबरॉय

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कौन है बाबा हरभजन सिंह, इनसे जुड़े क्या रहस्य हैं ?


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कहते है, भगवान के चमत्कारों में किसी भी प्रकार से लॉजिक नहीं होते बस होता है, तो मैजिक | जो लोगों के सामने कई बार कुछ रहस्यों के साथ आता है | आज हम भी ऐसे ही एक रहस्य के बारें में बात कर रहें हैं | वैसे बाबा हरभजन सिंह कोई रहस्य नहीं है, बल्कि लोगों के मन में बसी एक आस्था हैं, जो लोगों के अंदर बाबा हरभजन सिंह के नाम को इतने सालों बाद भी बसाए हुए है |


कौन है हरभजन सिंह :-
हरभजन सिंह 24 वि पंजाब रेजिमेंट के जवान थे | जिनका जन्म 30 अगस्त 1946 को, गुजरावाला जिले में हुआ | गुजरावाला जो की वर्तमान समय में पकिस्तान में है | बाबा हरभजन सिंह 1966 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे | परन्तु 2 साल की नौकरी के पश्चात ही वो सिक्किम में एक दुर्घटना के शिकार हुए और उनकी मृत्यु हो गई |

उनकी मृत्यु के बाद जब उनका शव नहीं मिला तो बाबा हरभजन सिंह ने खुद अपने साथी के सपने में आकर अपने शव के बारें जानकारी दी कि उनका शव कहाँ है | उनके साथी जब उन्हें सुबह ढूंढ़ने गए तो उन्हें उनका शव वहीं मिला जहाँ उन्होंने अपने साथी को सपने में आकर बताया था | अपने साथी को अपने शव के बारें में जानकारी देना किसी चमत्कार से कम नहीं था | तब से आज तक होने वाली कोई भी अनहोनी हो बाबा हरभजन सिंह अपने जवानो के सपने में आकर पहले ही बता देते है, जिससे दुश्मन के मनसूबे नाकामयाब हो जाते हैं |

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हरभजन मंदिर :-
बाबा हरभजन सिंह के इस चमत्कार के बाद उनके नाम का एक मंदिर का निर्माण करवाया गया | जो बाबा हरभजन सिंह मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है | यह मंदिर गंगटोक में जेलेप्ला दर्रे और नाथुला दर्रे के बीच 13000 फिट ऊंचाई पर स्थित है | मंदिर के अंदर बाबा हरभजन सिंह की फोटो है और उनका सामान रखा है | बाबा हरभजन सिंह अपनी मृत्यु के बाद भी अपनी ड्यूटी देते रहें |

बाबा हरभजन सिंह को तनख्वा मिलती थी और वो बाकायदा छुट्टी पर भी जाते थे | जब वो अपने घर छुट्टी पर जाते हैं, तो उनके साथ उनके 3 साथी और उनका सामान जाता था | जब वो छुट्टी पर जाते थे, तब सिक्किम बॉर्डर पर हाई अलर्ट रहता था | क्योकि उस वक़्त सैनिको को उनकी कोई मदद नहीं मिलती थी | परन्तु कुछ लोगों को यह अंध विश्वाश लगा तो उन्होंने अदालत का सहारा लिया और जैसा कि आर्मी में अन्धविश्वास के लिए कोई जगह नहीं है, इस बात के कारण बाबा हरभजन सिंह को छुट्टी पर भेजना बंद कर दिया |

परन्तु उनके मंदिर में आज भी उनका सारा सामान रखा हुआ है और रोज उनके कमरे की सफाई होती है | जब भी उनके कमरे की सफाई होती है, तो उनका सामान अव्यवस्थित मिलता है | आज भी कोई भी नया सैनिक सिक्किम जाता है तो सबसे पहले वो बाबा हरभजन सिंह के मंदिर में माथा टेकता है |

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