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Medha Kapoor

B.A. (Journalism & Mass Communication) | Posted on | Entertainment


कौन थी बेहतर कोमोलिका, पुरानी या नई ?


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Creative director | Posted on


मै हिना खान की कुछ खासा फैन नहीं हूँ न ही कभी उर्वशी ढोलकिया की थी परन्तु कोमोलिका के रोल में वह दोनों ही बहुत प्रभावी नज़र आयीं जोकि काबिल हैं तारीफ है । कोमोलिका के किरदार ने अपनी पहली ही छवि से एक वैम्प के रूप में लोगों के दिलों में घर कर लिया था । मुझे आज भी याद है किस तरह मेरी मम्मी कोमोलिका और अनुराग प्रेरणा के विषय में अपने आस पड़ोस की सहेलियों से हर दिन बात किया करती थीं, और अब वह इस नए 'कसौटी ज़िन्दगी की' देखती भी नहीं हैं । वह हरदिन 8 :30 बजे से पहले सारा काम ख़त्म करके यह सीरियल देखने बेथ जाती थीं और उनके साथ मै भी । कुछ इसी तरह की ढेरों यादें हैं जो पुराने कसौटी ज़िन्दगी की से जुडी हुई थीं, जिन्हे फिर से याद दिलाने में नया कसौटी बहुत पीछे है । कुछ इसी तरह का दृष्टिकोण मेरा नई और पुरानी कोमोलिका के लिए भी है ।

 
 
 
 
पुरानी कोमोलिका मै अदा थी, वैम्प वाला अंदाज़ था और एक तेज़ था जो नई कोमोलिका में नहीं है । हिना बहुत ही खूबसूरत हैं और वैम्प लगती
भी हैं ( असल जीवन में हैं शायद इसलिए ), लेकिन उनके मेकअप और अपीयरेंस पर जो काम हुआ है, वह अच्छा नहीं है । पुरानी कोमोलिका का जुल्फे लहराना, लम्बी चुटिया बनाना और चलाबाज़ियाँ करना हर ओर से असल जान पड़ता था । नई कोमोलिका का इतनी पैसेवाली लड़की होकर अपने बेड पर लेहंगा चोली पहनकर पहनना कहाँ का फैशन है ? मतलब ठीक है आप उन्हें बोहो लुक में दिखाना चाहते हैं परन्तु फिर भी । एकता कपूर के सीरियल वैसे भी सत्य को बहुत पीछे छोड़ काल्पनिकता का कुछ नया ही रूप प्रस्तुत करना चाहते हैं ।
 
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मुझे नई कोमोलिका की एक्टिंग से कुछ खासा परेशानी नहीं हैं परन्तु उसका स्वरुप दिखाया गया है, वो वैसा नहीं है जैसा आज की पीढ़ी देखना चाहती है । वैसे भी मुझे तो नया 'कसौटी ज़िन्दगी की' ही पसंद नहीं आया जिसमे मसाला दिखने के लिए दूसरे ही एपिसोड से इतनी नकारात्मकता दिखाई जाने लगी ।


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