इस विवादास्पद प्रश्न पर विचार विरोधाभास व विपरीत हो सकते हैं। अभिनव बिंद्रा ने एक बार कहा था कि अगर हम ओलंपिक में 40 स्वर्ण पदक जीत सकते हैं तो हम निश्चित रूप से यहां भारत में आयोजन की मेजबानी कर सकते हैं। लेकिन क्या यह सचमुच इतना आसान है, आइये देखते हैं:
अगर हम मौजूदा बुनियादी ढांचे को देखते हैं, तो मैं कहूँगी "नहीं", लेकिन अगर हम इसे भारत के मौसम की स्थिति के अनुसार देखते हैं, तो मैं कहूँगी "हाँ ", हम निश्चित रूप से ओलंपिक की मेजबानी कर सकते हैं।
अगर हम 2010 Commonwealth Games के घोटाले को देखें, तो मेरा जवाब होगा "नहीं", लेकिन अगर हम भारत में हुए हॉकी वर्ल्डकप (1 9 81-82), हॉकी विश्व कप 2010, क्रिकेट विश्व कप २०११ और Fifa जूनियर वर्ल्डकप 2017 खेलों को देखें, जिसकी मेज़बानी भारत ने बहुत ही अच्छी तरह से की थी तो मैं मेरा जवाब होगा हाँ, भारत ओलंपिक होस्ट कर सकता है।
अगर हम यह कहें की राजनेताओं को इस कार्यक्रम का प्रभार मिलेगा, तो मैं "नहीं" कहूँगी, क्योंकि यह एक भयानक विचार है, और यदि हम कहें कि जिम्मेदारी विभिन्न समितियों के विशेषज्ञों और विश्लेषकों से मिलकर बनी समिति के हाथों में होगी , तो मैं कहूँगी हमे हवा में रंग उड़ा कर इस जश्न को मनाना चाहिए |
भारत भ्रष्ट राजनेताओं और पैसा बनाने वाले व्यक्तिओ से भरा है लेकिन भारत में क्षमता भी है। यह एक कभी न खत्म होने वाली बहस है | यदि हम ओलम्पिक आयोजन का प्रबंधन करने में विफल रहते हैं तो विदेशी मीडिया द्वारा भारत को नकारात्मक बातें भी सुनने को । इसलिए मुझे लगता है कि भारत में ओलंपिक की मेजबानी करने के बारे में सोचने से पहले हमे कई मुश्किलों से निकलने और तैयारी करने की जरूरत है।
Translated from English by Team Letsdiskuss
