क्या भारत कभी Olympic होस्ट कर सकता है ...

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| Updated on September 5, 2018 | Sports

क्या भारत कभी Olympic होस्ट कर सकता है ?

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@medhasinghkapoor4841 | Posted on September 5, 2018

इस विवादास्पद प्रश्न पर विचार विरोधाभास व विपरीत हो सकते हैं। अभिनव बिंद्रा ने एक बार कहा था कि अगर हम ओलंपिक में 40 स्वर्ण पदक जीत सकते हैं तो हम निश्चित रूप से यहां भारत में आयोजन की मेजबानी कर सकते हैं। लेकिन क्या यह सचमुच इतना आसान है, आइये देखते हैं:


अगर हम मौजूदा बुनियादी ढांचे को देखते हैं, तो मैं कहूँगी "नहीं", लेकिन अगर हम इसे भारत के मौसम की स्थिति के अनुसार देखते हैं, तो मैं कहूँगी "हाँ ", हम निश्चित रूप से ओलंपिक की मेजबानी कर सकते हैं।

अगर हम 2010 Commonwealth Games के घोटाले को देखें, तो मेरा जवाब होगा "नहीं", लेकिन अगर हम भारत में हुए हॉकी वर्ल्डकप (1 9 81-82), हॉकी विश्व कप 2010, क्रिकेट विश्व कप २०११ और Fifa जूनियर वर्ल्डकप 2017 खेलों को देखें, जिसकी मेज़बानी भारत ने बहुत ही अच्छी तरह से की थी तो मैं मेरा जवाब होगा हाँ, भारत ओलंपिक होस्ट कर सकता है।

अगर हम यह कहें की राजनेताओं को इस कार्यक्रम का प्रभार मिलेगा, तो मैं "नहीं" कहूँगी, क्योंकि यह एक भयानक विचार है, और यदि हम कहें कि जिम्मेदारी विभिन्न समितियों के विशेषज्ञों और विश्लेषकों से मिलकर बनी समिति के हाथों में होगी , तो मैं कहूँगी हमे हवा में रंग उड़ा कर इस जश्न को मनाना चाहिए |

भारत भ्रष्ट राजनेताओं और पैसा बनाने वाले व्यक्तिओ से भरा है लेकिन भारत में क्षमता भी है। यह एक कभी न खत्म होने वाली बहस है | यदि हम ओलम्पिक आयोजन का प्रबंधन करने में विफल रहते हैं तो विदेशी मीडिया द्वारा भारत को नकारात्मक बातें भी सुनने को । इसलिए मुझे लगता है कि भारत में ओलंपिक की मेजबानी करने के बारे में सोचने से पहले हमे कई मुश्किलों से निकलने और तैयारी करने की जरूरत है।

Translated from English by Team Letsdiskuss


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@seemathakur4310 | Posted on September 25, 2018

देखिये, भारत कोई छोटा सा देश नहीं है जो Olympic न होस्ट कर सके अपितु यह इतना बढ़ा देश है कि यह Olympic होस्ट नहीं कर सकता | तात्पर्य यह है कि जितना बढ़ा देश उतने ज्यादा खतरे, भ्रष्टाचार व अपराध | अभी तक तो भारत Commonwealth Games में हुए भ्रष्टाचार के सदमे से नहीं उभरा है और आप Olympic की बात कर रहे हैं | Olympic करवाने के विषय में जो सबसे बढ़ा तथ्य है, वह है प्रबंधन | जिस देश में नेता आपस में कुछ तालमेल नहीं बैठा पाते वहाँ वह Olympic जैसे विशाल खेलो के लिए क्या प्रबंधन कर पायंगे |

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• जिस देश में 40 % से ज्यादा गरीब भुखमरी से पीड़ित हैं, 46 % बच्चे और 55 % औरते कुपोषण का शिकार हैं उस देश में Olympic खेलो का आयोजन कर खरबों कि संपत्ति 12 - 13 दिन के खेलो में बर्बाद कर देना, गर्व की बात है या शर्म की ?

• मणि शंकर एयर जोकि भारत के पूर्व युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री थे, का Commonwealth Games के लिए कहना था कि भारत में इतने बड़े खेलो का आयोजन व्यर्थ है क्योंकि यहाँ शिक्षा, गरीबी और देश की प्रगति के मुद्दे खेलो से अधिक महत्वपूर्ण है |

• Commonwealth Games 2010 के दौरान भारत में हज़ारो लड़कियों को वैश्यावृति के दलदल में धकेला गया था | रिपोर्टो के अनुसार 40 हज़ार से ज़्यादा लड़कियाँ केवल पूर्वी भारत से दिल्ली लाइ गयी थी क्योंकि उनका रंग गोरा होता है |

• 10 हज़ार से ज्यादा कर्मचारियों ने Commonwealth गेम्स शुरू होने के एक हफ्ते पहले ही अपनी नौकरी छोड़ दी और यहाँ तक की अपनी वर्दी तक नहीं लौटाई | यह भारतीय प्रशासन का एक बढ़ा नमूना है |

• अफ्रीकन देशो द्वारा भारतीय प्रशासन के खिलाफ यह इल्जाम लगाए गए थे कि उनके द्वारा अफ्रीकन देशो को सेकंड क्लास सुविधाएं दी जा रही हैं जबकि न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया कि टीमों को फर्स्ट क्लास सुविधाएं मिल रही हैं |

• इतना ही नहीं महिला खिलाड़ियों द्वारा छेड़छाड़ जैसी शिकायतें भी सामने आयी जिसमे Dani Samuels ( वर्ल्ड डिसकस चैंपियन) का कहना था कि उनकी सुरक्षा मैडल से अधिक महत्वपूर्ण है |

यह तो एक छोटा सा उदाहरण है उन परेशानियों का जो भारत के 2010 के Commonwealth Games को आयोजित करने पर आयीं थी | अब यह सोचकर देखिए कि यदि भारत Olympics आयोजित करता है तो कितने घोटाले व वारदाते सामने आयंगी | इसलिए मेरी तो यही इच्छा है कि भारत Olympics आयोजित कर सकता हो या न कर सकता हो परन्तु उसको Olympic आयोजित करने नहीं चाहिए |
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