आज 5 सितम्बर यानि शिक्षक दिवस है | वैसे तो हम बचपन से ही शिक्षक दिवस मनाते आ रहे है और इसके महत्व के बारे में भी सुनते आ रहें हैं, परन्तु क्या एक छात्र के रूप में हम सचमुच शिक्षक दिवस का महत्व समझते हैं ? आज हम में से कितने लोग अपने शिक्षकों से मिलने गए या उन्हें फ़ोन पर ही बधाई दी ? शायद चंद लोगों के अलावा किसी ने नहीं |
शिक्षक दिवस का अर्थ केवल शिक्षक दिवस पर विद्यालय जाना और इस बात की ख़ुशी मनाना की टीचर से आज डाँट नहीं पड़ेगी, ही नहीं है | मुझे अच्छी तरह याद है जब मै अपने विद्यालय में थी तो मेरे लिए शिक्षक दिवस का अर्थ होता था विद्यालय जाकर सबसे पहली सीट पर बैठजाना और दिनभर खुद से बड़े छात्रों को सुंदर सुंदर टीचर बनकर आते देखना | विद्यालयों में अक्सर सबसे बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थी, टीचर बनते हैं और छोटी कक्षाओं को पढ़ाते हैं | अब अहसास होता है की कितने मुर्ख थे हम, यह दिन शिक्षकों से बचकर भागने का तो कभी था ही नहीं, न है, यह दिन तो उन्हें सम्मान देने का था उनके पास बैठकर उन्हें यह बताने का था हम कितनी ख़ुशी महसूस करते हैं की आप हमारे शिक्षक हैं |
शिक्षक दिवस के बारे में एक और बात जिससे शायद हम सभी अवगत तो होंगे परन्तु शायद ही अपने असल जीवन में उसे समझते होंगे या अपनाते होंगे | शिक्षक सिर्फ वह व्यक्ति नहीं है जो आपको किताबो से या किसी कला से अवगत कराता है , शिक्षक वह व्यक्ति है जो आपको ज्ञान देता है | हमारे माता पिता भी हमारे लिए शिक्षक ही हैं, हमे टूशन देने वाले सर भी शिक्षक है, हमे नृत्य सिखाने वाली मैडम भी शिक्षक हैं और हमारे ऑफिस में हमे कितनी ही छोटी बड़ी चीज़े समझाने वाली बॉस भी शिक्षक हैं |
शिक्षक दिवस का महत्व केवल यह है की हम अपने शिक्षकों को इस बात के ली सम्मान न दें की आज शिक्षक दिवस है बल्कि इसलिए सम्मान दें की वह हमारे शिक्षक हैं | मेरी नज़र में छात्र शिक्षक दिवस का महत्व नहीं समझते, परन्तु उन्हें समझाया जा सकता है |छात्रों के मन में शिक्षक दिवस के महत्व से ज़्यादा ज़रूरी है उन्हें शिक्षकों का महत्व समझना | यदि वह शिक्षकों का महत्व समझ गए तो शिक्षक दिवस का भी समझ जायँगे |
सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनयें | आपकी असीमित सीखों के लिए धन्यवाद |