भारत में 2019 आम चुनाव दिलचस्प होगा क्योकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पूरे भारत में BJP साम्राज्य का निर्माण करने के लिए सभी BJP सहायकों को आगे बड़ा रहे हैं | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अपने दाव पेंच में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। 2018 विधानसभा चुनावों के लिए दोनों पार्टियां अपने सर्वश्रेष्ठ चुनाव अभियान को आगे बढ़ा रही हैं | दिलचस्प समय तो आगे हैं |
कहा जाता है, प्यार और जंग में सब जाइज़ है, पर यहाँ राजनीती में सब संभव है और सब कुछ सही है | हर रोज स्थति बदलती रहती है, कभी दोस्ती तो कभी दुश्मनी होती रहती है | पहले शिवसेना और तेलुगू देशम पार्टियां NDA गठबंधन में थी लेकिन अब वे BJP के खिलाफ हैं। यह महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश दोनों में मतदाताओं की भावना को प्रभावित करेगा।
इसलिए BJP को उन राज्यों से मतदान कम संख्या में मिल सकता है और यह भी हो सकता है कि जहां क्षेत्रीय दलों मजबूत हैं वहाँ से BJP को उन राज्यों में सीटें नहीं मिलें | इसलिए BJP को उन राज्यों से मतदान कम संख्या में मिल सकता है, और यह भी संभव है, कि जहाँ का क्षेत्रीय दल मजबूत हैं उन राज्यों से BJP को सीटें ना मिलें |
जैसे - तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलुगाना, उड़ीसा और यूपी की तरह। लेकिन अगर BJP इन पार्टियों के साथ गठबंधन करते हैं ,तो शायद उन्हें कुछ संख्या तक सीटें मिल सकती है। तमिलनाडु पार्टी के नाम - (ADMK , DMK , TMC , DMDK , PMK ,)
1951 से अब तक, कांग्रेस पार्टी ही एकमात्र पार्टी थी जिसने 400+ सीटों को प्राप्त किया था जो आश्चर्य चकित कारनामा सिर्फ एक बार हुआ था। कांग्रेस के जवाहर नेहरू सबसे लोकप्रिय नेता भी स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा थे, उन्हें 400+ सीटें नहीं मिलीं। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भारत का एकमात्र समय जनादेश था। सहानुभूति लहर के कारण राजीव गांधी और कांग्रेस पार्टी को 1984 के चुनावों में 49.10% वोटों के साथ 404+ सीटें मिल गई थी |
BJP द्वारा किए गए आर्थिक और सामाजिक सुधारों और लोगों की धार्मिक भावना के कारण भाजपा फिर से निर्वाचित हो सकती है। लेकिन इस बार सीट 2014 से कम होगी, और एक गठबंधन DNA सरकार हो सकती है। तो नरेंद्र मोदी और बीजेपी 2019 के चुनाव जीत सकते हैं। लेकिन निश्चित रूप से 400+ सीटें नहीं मिलेंगी।
Translate By :- Letsdiskuss Team