ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान का नाम सुनकर जो पहला दृश्य आँखों के सामने आता है वह यकीनन पाइरेट्स ऑफ़ सर्बियन का होता है, आखिर हो भी क्यों न आखिर इतनी सफाई से उस फिल्म कि मूल रूपरेखा को जो चुराया गया है । ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान एक ऐसी फिल्म मालूम होती है जो अपना पैसा आउट लोगो का समय बर्बाद करने के लिए बनाई गयी है । इस फिल्म की मूल रेखा को देखीं तो वह भारत के ऐसे दृश्य को दिखाना चाहता है जो कभी भारत में था ही नहीं या यूँ कहें हो ही नहीं सकता था । फिल्म का स्क्रीनप्ले और निर्देशन इतना बुरा है कि यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि यह उसी निर्देशक की फिल्म है जिसने धूम 3 निर्देशित की थी ( आखिर वह सच जैसी तो लगती थी ) ।
ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान की कहानी में सबसे बुरा यह है कि यह न तो सत्य प्रतीत होती है और न ही काल्पनिक । यह कुछ बीच का ही है जो फिल्म के इतना बुरा होने का कारण है । फिल्म में स्थानों के नाम को कितना घुमा फिराया गया है और किस जगह का सम्बद्ध किससे दिखाया गया है, यह समझते समझते ही फिल्म खत्म हो जायगी । बात साफ़ है कि फिल्म के लेखक को शायद भूगोल का सही ज्ञान नहीं है । इस फिल्म में इतने जहाज दिखाए गए हैं, शान ओ शौकत दिखाई गयी है कि मुझे अबतक समझ नही आ रहा कि फिल्म में हुआ तो हुआ क्या । और हाँ मैंने आपको यह बताया कि फिल्म के एक्शन सीन इतने ज्यादा स्लो हैं कि फिल्म से ज्यादा तेज आपको उड़ते हुए मक्खी मच्छर लगेंगे ।
अब आते हैं फिल्म के दो महानायकों पर, अमिताभ बच्चन और आमिर खान । इन दोनों ही अभिनेताओं को एक बहुत ही अलग अंदाज़ में दिखाया गया कि यह आमिर खान की तो अबतक की सबसे बुरी एक्टिंग की लिस्ट में टॉप पर आ गयी । आमिर खान के किरदार से आपको हंसी भले ही ना आये परन्तु उसके किरदार पर जरूर आएगी । हालंकि अभिनय इतना बुरा नहीं है परन्तु उनके खुदके लेवल के मुताबक बहुत बुरा है ।
फिल्म की अभिनेत्रियों पर आएं तो सना शेख को जितना अटेंशन दंगल में मिला था उससे 10 गुना काम अटेंशन इस फिल्म में मिला है ।
उनका अभिनय तो शायद उन्हें दिखाने का मौका ही नहीं मिला । दूसरी और कटरीना कैफ हैं जिन्हे हर नाचने गाने वाली जगह पर ही देखा जा सकता है और कहीं नहीं । कहने का अर्थ साफ है कि दोनों ही अभिनेत्रियों को कुछ खासा रोल नहीं दिया गया और उनका होना न होना बराबर ही था ।
कहने का तात्पर्य है कि फिल्म फ्लॉप है और बिलकुल भी देखने लायक नहीं है ।

