ब्रह्मा जी को सृष्टि का रचनाकार कहा जाता है | ब्रह्मा जी ने ही संसार की रचना की है | उसके बाद भी पूरे विश्व में सिर्फ उनका एक ही मंदिर है, यह बात बहुत सोचनीय है | हमारे हिन्दू धर्म में सभी भगवान के मंदिर हर जगह हैं सिवा ब्रह्मा जी के | ब्रह्मा जी की पत्नी सावित्री के श्राप के कारण पूरे विश्व में ब्रह्मा जी का एक ही मंदिर है | अब श्राप क्यों दिया, यह आपको बताते हैं |
क्यों दिया सावित्री ने ब्रह्मा जी को श्राप :-
एक बार धरती पर वज्रनाश नाम के राक्षस ने बहुत उत्पात मचा रखा था। ब्रह्मा जी ने वज्रनाश राक्षस को मार दिया | परन्तु वज्रनाश के वध के समय 3 बार ब्रह्मा जी के हाथ से कमल का फूल गिर गया | जहां-जहां ब्रह्मा जी का कमल का फूल गिरा वहाँ से तीनों जगहों पर तीन झीलें बन गई।
फिर इस तरह से इस स्थान का नाम पुष्कर पड़ गया | ब्रह्मा जी ने दुनिया की भलाई के लिए उसी स्थान पर एक यज्ञ करने का फैसला किया और यज्ञ की तयारी हुई | जैसे ही ब्रह्मा जी यज्ञ करने के लिए पुष्कर पहुंचे तो यज्ञ के लिए उनकी पत्नी सावित्री समय से नहीं पहुंची | यज्ञ का शुभ महूर्त निकल रहा था, और ब्रह्मा जी को यज्ञ पूरा करना था | जिस कारण ब्रह्मा जी ने गुर्जर समुदाय की एक कन्या से विवाह किया और यज्ञ शुरू किया |
जैसे ही यज्ञ शुरू हुआ तभी सावित्री वहाँ आ गई और उन्होंने ब्रह्मा जी को किसी और कन्या के साथ देखा तो सावित्री को बहुत क्रोध आया और तभी उन्होंने ब्रह्मा जी को श्राप दिया कि देवता होने के बाद भी उनकी पूजा कभी नहीं होगी, और न ही आपका कोई मंदिर होगा | सभी देवता सावित्री का गुस्से भरा रूप देख कर डर गए और उन्होंने सावित्री जी से आग्रह किया कि वो अपना श्राप वापस ले ले | परन्तु सावित्री ने किसी की नहीं सुनी | जैसे ही सावित्री का गुस्सा शांत हुआ तब उन्होंने कहा कि सिर्फ पुष्कर में ही आपका मंदिर होगा और अगर कोई आपका मंदिर कही बनवाता है, तो उस इंसान और जगह का विनाश हो जाएगा |