Student ( Makhan Lal Chaturvedi University ,Bhopal) | Posted on | Entertainment
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सआदत हसन मंटो की ज़िन्दगी पर बनी फिल्म Manto अपनी रिलीज़ से पहले ही सुर्खियों में आ चुकी है | यह फिल्म अपने समय की बड़ी फिल्म में गिनी जा सकती है जिसके पीछे अनेक कारण है जो इसको खास बनाते है | फिल्म का trailer हाल ही में रिलीज़ हुआ है और फिल्म Cannes film festival और Toronto International Festival में screening के लिए चुनी जा चुकी है | नंदिता दास जो Manto की निर्देशक हैं Cannes film festival में jury के लिए चुनी गयी तीसरी भारतीय महिला बन चुकी हैं | पहली और दूसरी महिला अरुंधति रॉय और ऐश्वर्या राय थी | नंदिता दास ने अपने ट्वीट के द्वारा अपनी ख़ुशी ज़ाहिर की |
picture courtesy -BookMyShow
सआदत हसन मंटो उर्दू लघु कथा लेखक थे जिनकी लघु कथाएँ उनके समय से कहीं आगे तक की थी | मंटो की कहानियाँ समाज के बड़े हिस्से के लिए अस्वीकार्य थी | प्रायः लोगो का कहना था की मंटो की कहानियाँ अश्लील है जिसका कारण उनके द्वारा वैश्याओ के जीवन के इर्द गिर्द घूमती कहानियाँ थी | मंटो इन सभी आलोचनाओं के बावजूद अपनी कहानियाँ लिखने में जुटे रहे और शायद यही कारण हैं की महान लेखकों में उनका नाम गिना जाता है | मंटो आज़ादी से पहले बम्बई ( मुंबई ) में रहते थे और 1947 की आज़ादी के बाद लाहौर में | मंटो का कहना था "यदि आप मेरी कहानियों को सहन नहीं कर सकते हैं, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि हम असहनीय समय में रहते हैं।
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