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संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया। इसे भारत की कूटनीतिक जीत बताई जा रही है। पिछले कई सालों से भारत सरकार इसके लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आवाज़ ऊठा रही थी लेकिन चीन लगातार इसमें अड़ंगा लगा रहा था।
2009 से मनमोहन सरकार से लेकर 2016 में मोदी सरकार ने भी विभिन्न आतंकी घटनाओं का हवाला देते हुए संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव दिया जाता था लेकिन चीन अपने वीटो पॉवर के इस्तेमाल से उसे रोक देता था।
पुलवामा अटैक के बाद भारत सरकार ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया। अंततः इन तीनों मुल्कों को भारत के प्रस्ताव को मानना ही पड़ा और चीन झुक गया।
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