हमारा हिन्दू धर्म ऐसा है, जहाँ हर बात के लिए व्रत और पूजा की जाती है | शादी नहीं हुई तो सोलह सोमवार शिवजी के व्रत रखो, शादी हो जाएं तो करवाचौथ व्रत रखो, बच्चे न हो गणेश जी की पूजा और बच्चे हो जायें तो अहोई और संतान सप्तमी का व्रत रखो ऐसे कई सारे व्रत हैं, जो हिन्दू धर्म में होते हैं |
आपकी जानकारी के लिए बता दें, ऐसा भी व्रत है, जो की आपको मृत्यु के बाद का समय सुखमय होने को निर्धारित करता है | जैसा की हमने आपको पहले भी बताया है, कि एक महीने में 2 ग्यारस आती है, जिसको एकादशी भी कहा जाता है | इसके हिसाब से 24 एकादशी होती हैं |
कार्तिक मास की कृष्णा पक्ष को आने वाली एकादशी को "रमा एकादशी" कहते हैं, और धार्मिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है, जो भी "रमा एकादशी" का व्रत रखता है, उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है |
आइये इस व्रत के बारें में आपको बताते हैं -
जैसा कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है, परन्तु रमा एकादशी में विष्णु भगवान के कृष्णा अवतार का पूजन किया जाता है | यह व्रत लेने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है |
कैसे करें पूजन :-
- सुबह सूर्य उदय से पहले जागें और स्नान कर के पूजा की तैयारी कर लें |
- अगर आपके पास कृष्णा भगवान की मूर्ति है, जो कि आम तोर पर सभी पीतल की मूर्ति रखते हैं, तो आप उस मूर्ति को जल में गंगाजल डालकर स्नान कराएं |
- इसके बाद आप उनके दही, दूध, मक्खन ,शहद , घी, चीनी ,चावल और वापस से जल से स्नान कराएं |
- अब आप कृष्णा भगवान को वस्त्र पहनाएं, उन्हें अक्षत (हल्दी चावल ) चढ़ाएं, पीले फूल चढ़ाएं |
- घी का दीपक जलाकर उनकी आरती करें, भोग लगाएं और उसके बाद सूर्य देव को जल से अर्घ्य दें |
- अब दिन भर व्रत के बाद शाम को एक बार फिर भगवान कृष्णा की आरती करें और भोग सभी को दें और खुद भी ग्रहण करें
आपका व्रत पूरा हुआ अब आप बिना प्याज लहसुन वाला साधारण भोजन करें |
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