नासा की हबल अंतरिक्ष दूरबीन ने आज तक का सबसे दूरी वाला तारा खोजा है | जो ब्रह्मांड के बीच में स्थित है | इस नीले रंग के इस विशाल तारे का नाम इकारस है | यह तारा इतना दूर है कि इसकी रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने में नौ अरब साल लग गए | ये तारा दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन से भी बहुत धुंधला दिखाई देगा |
ग्रेवीटेशनल लेनसिंग नाम की एक प्रक्रिया होती है जो तारों की धुंधली चमक को तेज कर देती है जिससे खगोल विज्ञानी दूर के तारे को भी देख सकते हैं | बर्केले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में इस शोध का नेतृत्व करने वाले पैट्रिक केली ने कहा, ‘‘ यह पहली बार है कि जब हमने एक विशाल और अपनी तरह का अकेला तारा देखा है ’’ केली ने कहा, ‘‘ आप वहां पर कई आकाशगंगाओं को देख सकते हैं लेकिन यह तारा उस तारे से कम से कम 100 गुना दूर स्थित है जिसका हम अध्ययन कर सकते हैं ’’
अब नासा ने हमारे सौर मंडल में सूर्य से निकलने वाली प्रकाश ऊर्जा की मात्रा का पता लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर एक नया और आधुनिक उपकरण लगाया है | नासा का कहना है कि आईएसएस में लगाया गया टोटल एंड स्पेक्ट्रल सोलर इर्रेडिएंस सेंसर( टीएसआईएस-1) पूरी तरह काम कर रहा है और आंकड़े एकत्र कर रहा है |