पाकिस्तान का नाम सुनते ही सभी के दिमाग में एक ही छवि बनती है | जो की गुस्से और नफ़रत से भरी होती है | पर क्या आप जानते हैं, पाकिस्तान में भी कईऐतिहासिक मंदिर हैं | जहां आज भी लोग जाते हैं, आज आपको इनमंदिरों के बारें में जानकारी देते हैं |
- हिंगलाज शक्तिपीठ :-
हिंगलाज शक्तिपीठ कराची जिले के बाड़ीकलां में स्थित माता का मंदिर है, जो कि पहाड़ियों में स्थित है। यह पहाड़ियां बलूचिस्तान में हिंगोल नदी के पास हिंगलाज क्षेत्र में स्थित हैं। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। यह मंदिर इसलिए प्रसिद्द है, क्योकि हिंगलाज ही वह जगह है, जहां सती माता का सिर गिरा था।
- कटासराज शिव मंदिर :-
पाकिस्तान के पंजाब में चकवाल शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर दक्षिण में कोहिस्तान नाम की एक पर्वत श्रृंखला है, जिसमें कटासराज नाम का एक गांव है। इस गाँव में एक मंदिर है, जिसके कटासराज शिव मंदिर कहा जाता है | हिन्दू मान्यताओं के अनुसार - जब भगवान शिव की पत्नी सती की मृत्यु हुई तो भगवान शिव इतना रोए कि उनके आंसू ही नहीं रुके और उनके आंसुओं के कारण 2 तालाब बन गए। इनमें से एक राजस्थान के पुष्कर में है, और दूसरा पाकिस्तान के कटाशा में है।
- नृसिंह मंदिर :-
हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रह्लाद जो की विष्णु जी के बड़े भक्त थे | प्रह्लाद ने भगवान नृसिंह जी का मंदिर बनवाया | जो वर्तमान समय में पाकिस्तान में स्थित पंजाब के मुल्तान शहर में है। पुराने समय से ही इस मंदिर को विष्णु भक्त 'प्रह्लाद का मंदिर' के रूप में जाना जाता था। इसलिए इस मंदिर का नाम प्रह्लादपुरी मंदिर है। होली के समय यहां पर विशेष पूजा होती है |
- पंचमुखी हनुमान मंदिर :-
कराची में स्थित 1500 साल पुराना पंचमुखी हनुमान मंदिर, आज भी बहुत ही प्रसिद्द है | यहां लोग दर्शन की कामना से आज भी जाते हैं। इस्लामकोट में पाकिस्तान का एक ऐतिहासिक राम मंदिर है, करांची में पंचमुखी हनुमान का मंदिर शॉल्जर बाजार में बना है।
- गोरखनाथ मंदिर :-
गोरख नाथ मंदिर पाकिस्तान के पेशावर में स्थित है। गोरखनाथ का यह मंदिर 160 साल पुराना है। बंटवारे के बाद से ही यह मंदिर बंद था, परन्तु पेशावार हाईकोर्ट के आदेश से यह मंदिर नवंबर 2011 में खोला गया।