पंडित जी बहुत दक्षिणा लेते है, ये कहना बिल्कुल भी सही नहीं है | कई कारण है इस बात को ग़लत साबित करने के कि "पंडित जी बहुत दक्षिणा लेते है " | आज के समय में कई लोग भगवान को नहीं मानते मगर फिर भी जब भी कोई दुःख उनको आता है, तो भगवान को दोषी ठहराते हैं | आज के लोग डोमिनोज़, पिज़्ज़ा हट में जाकर पीज़ा खाते हैं, जो नहीं खाया जाता है, उसको फेंक देते हैं, मगर किसी जरूरत मंद को नहीं देते |
उसी प्रकार जन्मदिन की पार्टी बड़े-बड़े होटल में मनाते हैं, हज़ारों रूपए खर्च करते हैं | परन्तु जन्मदिन के दिन मंदिर जाकर सिर्फ 50 या 100 रूपए चढ़ाने में उनको लगता है, बस हो गया | होटल में जाकर सभी को अलग-अलग चीज़ें खाना होता है, सबकी पसंद के खाने का बिल अलग-अलग आता है, मगर मंदिर में सिर्फ 100 रूपए वो भी सबके नाम के चढ़ा दिए जाते हैं |
उसी प्रकार पंडित जी की दक्षिणा की बात करते हैं | मान लीजिये किसी के घर शादी है | शादी की शॉपिंग से लेकर रिसेप्शन तक लाखों रूपए खर्च कर दिए जाते हैं, मगर उसका कोई हिसाब नहीं | परन्तु पूरी शादी करवाने वाले पंडित जी को सिर्फ 1100 रूपए देने में लगता है, ज्यादा दे रहे हैं |
शादी में कितने खर्च होते है, उनका कोई हिसाब नहीं मगर पंडित जी को दिए गए रुपयों का इतना हिसाब रखा जाता है, कि दूसरों तक से कहा जाता है,बड़ा ही बेकार है शादी के 1500 रूपए माँग रहा था |
बच्चे के जन्म को जब तक सवा महीना नहीं होता तब तक घर अशुद्ध होता है, ये मानते है सभी, और शुद्धिकरण भी पंडित से ही करवाना है | अस्पताल में हज़ारों रूपए खर्च कर के आ जाते हैं, मगर पंडित को शुद्धिकरण के सिर्फ 1000 या 1500 इससे ज्यादा नहीं दिए जाते |
वैसे तो पंडितों की बातों पर यकीन नहीं करते, मगर कोई भी विपत्ति आये तो हस्त रेखा और भाग्य दिखाने पंडित के पास ही जाना होता है | सवाल तो लाखों के पूछेंगे पंडित से "पंडित जी बताओ मेरे पास लाखों कब आएँगे" मगर पैसे देंगे 11 रूपए |
पार्टी-फंक्शन में खाने वाले को, सजावट वाले को, DJ वाले को लाखों रूपए देना मंजूर है मगर पंडित को पूरी पूजा या शादी के 1500 से अधिक देने में लगता है, ज्यादा तो नहीं दिए |
फिर कहते हैं, पंडित ज्यादा दक्षिणा लेते हैं | जैसे धरती में मंदिर के बिना भगवान की मूर्ति का कोई अस्तित्व नहीं वैसे ही पंडित के बिना किसी भी पूजा का कोई अस्तित्व नहीं है |