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इंकलाब जिंदाबाद नारा क्या है? अंग्रेजों से आजादी पाने के लिए हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने बहुत संघर्ष किया है। भारत माता की जय इंकलाब जिंदाबाद जैसे नारे उस समय भारतीयों के मन में अपने देश के प्रति देशभक्ति की भावना को बढ़ाता था। आइए आपको बताएं कि इंकलाब जिंदाबाद का मतलब क्या होता है और किस भाषा में यह कहा जाता है। इसका प्रयोग सबसे पहले किसने और कब किया था।
इंकलाब जिंदाबाद का अर्थ
इंकलाब जिंदाबाद उर्दू का वाक्य है। जिसका अर्थ होता लंबे समय तक मौजूद रहना जिंदा रहना। भारत की आजादी के लिए क्रांतिकारियों ने इस नारे को बुलंद किया। अंग्रेजी भाषा में अर्थ Long live! the rebaliyan!
इंकलाब जिंदाबाद नारा का सबसे पहले प्रयोग
दोस्तों बता दे कि भारत की आजादी में अंग्रेजो के खिलाफ गूंजने वाला यह नारा सबसे पहले उर्दू के महान कवि मौलाना हसरत मोहानी के द्वारा सन 1921 में दिया गया था। मौलाना हसरत मोहानी उस समय कांग्रेस से जुड़े हुए थे और देशभक्ति की भावना उनके दिलों में बसती थी।
भगत सिंह और इंकलाब जिंदाबाद नारा
महान क्रांतिकारी भगत सिंह ने इस नारे का इस्तेमाल अंग्रेजों से देश की आजादी के खातिर किया। भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों ने 8 अप्रैल 1929 को अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई थी और नुकसान न पहुंचाने वाला बम असेंबली में फोड़ा था। उस समय इन्होंने यह नारा दिया था। इंकलाब जिंदाबाद (inquilab zindabad) नारे के जरिए अंग्रेजों को सबक सिखाया गया। अब भारतीय उनके खिलाफ हो गए हैं। सभी भारतीय आजादी की मांग कर रहे हैं। इसके बाद इंकलाब जिंदाबाद नारा बहुत लोकप्रिय हो गया और मन से दिल से यह आवाज उठने लगी कि हम भारतवासी अपनी आजादी अंग्रेजों से हासिल करके ही रहेंगे।
भारत की आजादी में इंकलाब जिंदाबाद
आपको बता दें कि भारत की आजादी में इंकलाब जिंदाबाद, भारत माता की जय, अंग्रेजों भारत छोड़ो करो या मरो दिल्ली चलो यह सब नारे और स्लोगन भारतीयों के मन में अपने देश के प्रति प्रेम और देशभक्ति की भावना को जगाते थे। अंग्रेजी भारतीयों के खिलाफ अत्याचार करके उन्हें गुलाम बना ही रखना चाहते थे और कभी एहसास नहीं होने देना चाहते थे कि हर भारतीय अपनी आजादी के लिए आवाज़ उठाएं। इसलिए इंकलाब जिंदाबाद भारत माता की जय जैसे नारे भारतीयों के दिल में भारत की आजादी की अलख जगाई।