राफेल डील क्या है ? - letsdiskuss
Official Letsdiskuss Logo
Official Letsdiskuss Logo

Language



Blog
Earn With Us

अनीता कुमारी

Home maker | Posted on | News-Current-Topics


राफेल डील क्या है ?


0
0




Content Writer | Posted on


राफेल डील को लेकर कांग्रेस द्वारा मोदी सरकार पर काफी ऊँगली उठाई जा रही है | जैसा कि सभी जानते हैं, राजनीति में लोग एक दूसरे का गाला काटने पर लगे होते हैं, और जहाँ बात कांग्रेस और बीजेपी की आती है, वहाँ तो इल्ज़ामों की बौछार हो जाती है | कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी कोई भी मौका नहीं छोड़ते मोदी सरकार को नीचे गिराने का | राहुल गाँधी ने राफेल डील के चलते PM modi पर घपला करने का आरोप लगा दिया | अब सच्चाई क्या है कोई नहीं जानता, परन्तु इनके आपसी मनमुटाव से नुक्सान तो जनता का ही होता है |


Letsdiskuss

राफेल डील क्या है -

वायु सेना को अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाने के लिए 42 लडा़कू स्क्वाड्रंस की जरूरत थी | इसलिए वायुसेना ने सरकार से लड़ाकू विमान खरीदने की माँग की | वायु सेना की माँग के बाद सबसे पहले अटल बिहारी बाजपेय की NDA सरकार ने 126 लड़ाकू विमान खरीदने का प्रस्ताव रखा था |

वायुसेना के इस प्रस्ताव को कांग्रेस सरकार ने आगे बढ़ाया | 126 लडा़कू स्क्वाड्रंस खरीदने के लिए मंजूरी अगस्त 2007 को मिली, और फिर यहाँ से बोली लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई | "राफेल लडा़कू स्क्वाड्रंस" की सबसे बड़ी खासियत यह है, कि यह 3 हजार 800 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है |

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर यह इलज़ाम लगाया है, कि मोदी सरकार ने महंगे जेट खरीदे और अनिल अंबानी की रिलायंस कंपनी को फायदा पहुंचाया | पीएम मोदी ने देश को धोका दिया, और सैनिकों के खून का भी अपमान किया है | कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार का रिलायंस और राफेल बनाने वाली कंपनी की डील से कोई वास्ता नहीं | यह दो कंपनी की आपस की डील है |

साल 2014 में जब मोदी सरकार बनी तब उन्होंने इस दिशा कदम बढ़ाया | मोदी जी की फ्रांस यात्रा के समय साल 2015 में भारत और फ्रांस के बीच राफेल जेट की खरीदी को लेकर समझौता हुआ | फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद ने बताया की मोदी जी ने फ्रांस के राष्ट्रपति दासौ को राफेल डील के साझेदार के रूप में रिलायंस का नाम दिया था |

rafale-jet-letsdiskuss
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद ने कहा - "इससे हमारा कोई लेना देना नहीं था | भारत सरकार ने रिलायंस का नाम सुझाया और दासौ ने अंबानी से बातचीत की | ये हमारा चुनाव नहीं था | हमें जो बिचौलिया दिया गया, हमने उसी के साथ काम किया "


0
0