RBI ने अपनी पॉलिसी में क्या बदलाव किये ?...

| Updated on October 5, 2018 | Share-Market-Finance

RBI ने अपनी पॉलिसी में क्या बदलाव किये ?

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@shersingh5259 | Posted on October 5, 2018

RBI ने अपनी पॉलिसी में क्या बदलाव किये ?
बैंक को या सरकार इनके कोई भी फैसले होते हैं, उससे परेशानी आम जनता को को ही होती है | यही देख लो RBI ने अपनी पॉलिसी में लगातार तीसरी बार बदलाव किया | RBI लगातार तीसरी बार ब्याज की दरें बढ़ाने का सोच रही है | RBI ब्याज की दर को 0.25 तक बढ़ाने का फैसला ले सकता है |
RBI की इस पॉलिसी के अंतर्गत ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की गई तो बैंकों को RBI से लोन लेना महंगा पड़ सकता है | 3 अक्टूबर 2018 से चल रही समीक्षा बैठक का फैसला आज RBI करने वाला है | सम्भावना जताई जा रही है कि RBI आज कुछ प्रमुख ब्याज की दरों में बढ़ोत्तरी करेगा | यह भी संभव है, कि RBI रेपो रेट में 0.25 गुना की वृद्धि करें |
कुछ एक्सपर्ट के अनुसार - ब्याज दरों में वृद्धि का कारन रुपए में गिरावट बताया जा रहा है | RBI के इस फैसले से अब EMI चुकाने के लिए बहुत पैसे खर्च करने होंगे | ब्याज दरों में वर्दी का सबसे बड़ा कारण है, डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होना | पहले एक डॉलर का मूल्य 63.33 पर था, जो की अब बढ़ कर 73 रूपये के स्तर को भी पार कर गया है |

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@shersingh5259 | Posted on October 5, 2018

बैंक या सरकार इनके कोई भी फैसले होते हैं, उससे परेशानी आम जनता को ही होती है | यही देख लो RBI ने अपनी पॉलिसी में लगातार तीसरी बार बदलाव किया | RBI लगातार तीसरी बार ब्याज की दरें बढ़ाने का सोच रहा है | RBI ब्याज की दर को 0.25 तक बढ़ाने का फैसला ले सकता है |

RBI की इस पॉलिसी के अंतर्गत ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की गई तो लोगों कोRBI से लोन लेना महंगा पड़ सकता है | 3 अक्टूबर 2018 से चल रही समीक्षा बैठक का फैसला आज होना है | सम्भावना जताई जा रही है कि RBI आज कुछ प्रमुख ब्याज की दरों में बढ़ोत्तरी करेगा | यह भी संभव है, कि RBI रेपो रेट में 0.25 गुना की वृद्धि करें |

कुछ एक्सपर्ट के अनुसार - ब्याज दरों में वृद्धि का कारण रुपए में गिरावट बताया जा रहा है | RBI के इस फैसले के बाद EMI चुकाने के लिए बहुत पैसे खर्च करने होंगे | ब्याज दरों में वृद्धि का सबसे बड़ा कारण है, "डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होना" | पहले एक डॉलर का मूल्य 63.33 पर था, जो की अब बढ़ कर 73 रूपये के स्तर को भी पार कर गया है |

75% तो फैसला सभी जानते है, क्या आने वाला है | फिर भी आज देखते है, RBI का क्या फैसला आता है | क्या नया बदलाव आया है, RBI की पालिसी में |

Reserve-Bank-of-India-letsdiskuss
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@rajatmishra3894 | Posted on October 29, 2018

बैंकों से बिजनेस लोन लेने वाले हुए परेशान, बैंक मांग रहे चेक, ECS से भी काट रहे पैसा

बैंकों से बिजनेस लोन लेने वाले कारोबारियों को जितनी समस्या बिजनेस लोन प्राप्त करने में हुई थी, उतनी ही समस्याएं बिजनेस लोन प्राप्त करने के बाद भी बरकरार है। बैंकों के EMI सिस्टम में बदलाव बिजनेस लोन लेने वाले कारोबारियों के लिए सिरदर्द बन गई है। कई ग्राहकों की EMI कटनी बंद हो गई है, तो वहीं उनसे पोस्ट डेटेड चेक मांगा जा रहा है। इतना ही नहीं ECS से भी पैसा कट रहा है। रोज कम से कम 10 से 15 ग्राहक इस मुसीबत का सामना कर रहे हैं। जिनका कर्ज दो साल पुराना है, उन ग्राहकों को ज्यादा दिक्कत आ रही है और जिनके लोन व बचत खाते अलग-अलग बैंकों में हैं।

यह है वजह-

ग्राहकों को हो रही इस बड़ी परेशानी की वजह यह है- दरअसल, सभी बैंक मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम यानि ECS से नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस यानि NACH में अपग्रेड हो रहे हैं। और यह अपग्रेडेशन ग्राहकों की परेशानी का सबब बनी हुई है। नए नियमों मुताबिक ग्राहक को ब्रांच जाकर एक फॉर्म भरना होगा, उसके बाद ही उनकी EMI कटनी शुरू हो पाएगी।

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बैंक भरवा रहे फॉर्म-

बैंक अफसरों ने बताया कि बैंक उन सभी ग्राहकों से फॉर्म भरवा रहे हैं, जिनकी EMI दूसरे बैंकों से आती है। जबकि स्टेट बैंक ञफ इंडिया के एक अधिकारी ने बताया कि जिन ग्राहकों का ECS फेल हो रहा है, उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है। अगर ग्राहक का बचत खाता और कर्ज का खाता अलग-अलग बैंकों में है, तो बैंक जाए बिना EMI चालू नहीं होगी। जिसकी वजह से इस प्रक्रिया में समय लगेगा, इसलिए बैंक ग्राहकों से 2 पोस्ट डेटेड चेक ले रहे हैं, ताकि EMI समय से जमा कर सकें।

ग्राहक क्या करे-

बैंक अधिकारियों का कहना है, कि ग्राहक डिफॉल्ट से बचने के लिए ब्रांच में जाकर चेक या कैश के तौर पर EMI जमा कर सकते हैं। इसके अलावा भविष्य के लिए आप NBFC से आसानी से बिजनेस लोन ले सकते हैं और साथ ही इसे आसान किस्तों में चुका भी सकते हैं। ZipLoan से आप 1 से 5 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन बिना किसी सिक्योरिटी के प्राप्त कर सकते हैं। जिसे आप 12 से 24 महीने के आसान किस्तों में चुका भी सकते हैं।


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