सिक्खों को करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जान...

| Updated on November 23, 2018 | News-Current-Topics

सिक्खों को करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने का वीजा किसकी बदौलत, कांग्रेस या बीजेपी?

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K

@kanchansharma3716 | Posted on November 27, 2018

सिक्खों को करतारपुर साहिब गुरूद्वारे जाने का वीजा किसकी बदौलत मिला इस बात से क्या फर्क पड़ता है | लोगों को तो इस बात की ख़ुशी होनी चाहिए कि इतने सालों के बाद सिक्खों को करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने की अनुमति मिली | पर नहीं राजनीती अपना दाव पेंच तो हर जगह दिखाएगी ही क्योकि राजनीती की यह आदत है | बात अगर कांग्रेस और बीजेपी की करें तो इनको तो "Tom and Jerry " कहना एक हद तक ग़लत नहीं होगा |

बीजेपी और कांग्रेस को बस एक दूसरे की टांग खींचना होता है, चाहे किसी का अच्छा हो या बुरा राजनीती किसी को नहीं छोड़ती | 2018 में सिक्खों को करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने का वीजा मिला इस पर भी राजनीती होगी | आज तो वीजा मिल गया पर 2019 के चुनाव में इस बात का फायदा जरूर उठाया जाएगा , कि "किसकी बदौलत करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने का वीजा मिला " और हमेशा की तरह दोनों पक्ष अपने-अपने दाव खेलेंगे |

वैसे इस बात से कोई मुकर नहीं सकता कि करतारपुर साहिब का मुद्दा पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के किये गए दावे के बाद चर्चा में आया था | नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में जाने को लेकर काफी विवाद हुए, इतना ही नहीं नवजोतसिंह सिद्धू को इस बात के लिए उन्हें कई तीखी बातों का सामना भी करना पड़ा |

पर आज पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने दावे को सही साबित किया जिसकी बदौलत आज 3 हज़ार से भी ज्यादा लोगों को करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने के लिए वीजा मिला और 21 नवम्बर से 30 नवम्बर तक होने वाले समारोह में सभी लोग ख़ुशी से शामिल हुए |

kartarpur_sahib-letsdiskuss
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R

@rakeshsingh9760 | Posted on November 24, 2018

आख़िरकार भारत और पाकिस्तान सरकार को श्रद्धालुओ का दर्द नज़र आ ही गया, दूरबीन से करतारपुर साहिब के दर्शन के दिन पुरे हो गए समझो । प्रकाश पर्व से एक दिन पूर्व करतारपुर कॉरिडोर को भारत सरकार की ओर से हरी झंडी दे दी गई है। मगर कोई भी बड़ा फैसला हो और राजनीत उबाल न मारे ऐसे कैसे हो सकता है? 2019 मे होने वाले राजनैतिक महा-दंगल का हिस्सा भर तो बनकर नहीं रेह जायेगा यह फैसला? क्यों पाकिस्तान कर रहा है इस संबंध का बेसब्री से इंतज़ार?


Article image


सिक्ख समुदाय की बात करे थो इनका कांग्रेस या बीजेपी दोनों से छतीस का आंकड़ा इतिहास से चला आरहा है। पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर मौजूद गुरुद्वारा करतारपुर साहिब तक पहुंचने वाला रास्ता कांग्रेस और बीजेपी दोनों सवारने में जुटे हुए है। इससे पहले कांग्रेस कि पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान से मुलाकात कर कॉरिडोर खोलने पर रज़ामंदी ली थी जिसके बाद सिद्धू को बीजेपी से खरी-कोटि सुननी पड़ी थी।

आने वाले चुनाव पर पकड़ सख्त करने के लिए बीजेपी ने बड़ा दाव खेल ही लिया, गुरुवार को केंद्र मंत्री हरसिमरत कौर ने सारा क्रेडिट आकाली दाल और केंद में स्थित भारतीय जनता पार्टी की झोली में डाल दिया। मुद्दे की बात तो यह है कि क्यों पाकिस्तान कर रहा है सिक्ख श्रद्धालुओ की चिंता? क्या चाहता है पाकिस्तान भारत से बदलेमे ? कौन सी नयी चिंगारी लगाए गा यह मुद्दा भारत की शोला सी राजनीत पर?

किसे आप मानते है करतारपुर कॉरिडोर खुलवाने का हीरो, कांग्रेस या बीजेपी ? कमेंट करके बताये

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M

@mohitsrivastava5728 | Posted on November 27, 2018

आख़िरकार भारत और पाकिस्तान सरकार को श्रद्धालुओ का दर्द नज़र आ ही गया, दूरबीन से करतारपुर साहिब के दर्शन के दिन पुरे हो गए समझो । प्रकाश पर्व से एक दिन पूर्व करतारपुर कॉरिडोर को भारत सरकार की ओर से हरी झंडी दे दी गई है। मगर कोई भी बड़ा फैसला हो और राजनीत उबाल न मारे ऐसे कैसे हो सकता है? 2019 मे होने वाले राजनैतिक महा-दंगल का हिस्सा भर तो बनकर नहीं रेह जायेगा यह फैसला? क्यों पाकिस्तान कर रहा है इस संबंध का बेसब्री से इंतज़ार?


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    सिक्ख समुदाय की बात करे थो इनका कांग्रेस या बीजेपी दोनों से छतीस का आंकड़ा इतिहास से चला आरहा है। पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर मौजूद गुरुद्वारा करतारपुर साहिब तक पहुंचने वाला रास्ता कांग्रेस और बीजेपी दोनों सवारने में जुटे हुए है। इससे पहले कांग्रेस कि पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान से मुलाकात कर कॉरिडोर खोलने पर रज़ामंदी ली थी जिसके बाद सिद्धू को बीजेपी से खरी-कोटि सुननी पड़ी थी।


    आने वाले चुनाव पर पकड़ सख्त करने के लिए बीजेपी ने बड़ा दाव खेल ही लिया, गुरुवार को केंद्र मंत्री हरसिमरत कौर ने सारा क्रेडिट आकाली दाल और केंद में स्थित भारतीय जनता पार्टी की झोली में डाल दिया। मुद्दे की बात तो यह है कि क्यों पाकिस्तान कर रहा है सिक्ख श्रद्धालुओ की चिंता? क्या चाहता है पाकिस्तान भारत से बदलेमे ? कौन सी नयी चिंगारी लगाए गा यह मुद्दा भारत की शोला सी राजनीत पर?


    किसे आप मानते है करतारपुर कॉरिडोर खुलवाने का हीरो, कांग्रेस या बीजेपी ? कमेंट करके बताये


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