आज पूरी दुनिया में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ काफी चर्चा में है | ऐसे में हम आपको इसे जुड़ी हुई कुछ बातें बताते हैं | आज 31 अक्टूबर 2018 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के केवड़िया में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ देश को समर्पित करेंगे | सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा 182 मीटर ऊंची हैं |
कुछ खास बातें :-
- सरदार वल्लभ भाई पटेल की यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा है |
- इस प्रतिमा की ऊंचाई 182 मीटर ऊंची है, और यह न्यूयॉर्क में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुनी ऊंची प्रतिमा है |
- 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' केवल 33 महीने में बनकर तैयार हुई है, जो एक विश्व रिकॉर्ड है |
- इस मूर्ति के निर्माण में 2,989 करोड़ रुपये की लागत लगी है |
- हम मान सकते हैं कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ स्वदेशी है, क्योकि कंपनी का दावा है कि इस मूर्ति पर सिर्फ कांसे की परत चढ़ाने का काम छोड़कर बाकी सारा काम भारत देश ने किया है |
- ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 कि.मी. की दूरी पर स्थित की गई |
- 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का कुल वजन 1700 टन है,ऊंचाई 522 फिट है |
- 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का निर्माण राम वी. सुतार की देखरेख में हुआ है और आपको बता दें राम वी. सुतार को साल 2016 में
पद्म भूषण से सम्मानित किया था |
- 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' प्रतिमा में दो हाई स्पीड लिफ्ट हैं, जिससे एक समय में लगभग 40 लोग गैलरी तक जा सकते हैं |
- इस मूर्ति से यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है, कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को देखने के लिए प्रतिदिन 15000 पर्यटक जरूर आएँगे और इसके कारण गुजरात पर्यटन स्थल बन जाएगा |
जहां देश में हर चीज के दाम बढ़ रहें हैं, क्या वहाँ सूरत के व्यापारी का ऐसा तोहफा सही है ?
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