जन्माष्टमी 2019 व्रत के पूजन विधि के बा...

B

| Updated on August 16, 2019 | Astrology

जन्माष्टमी 2019 व्रत के पूजन विधि के बारे में बताएं ?

1 Answers
3,489 views
R

@ruchikadutta9160 | Posted on August 16, 2019

श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी का पूरे भारत वर्ष में विशेष महत्‍व है, क्योंकि इस दिन भगवान् श्री कृष्णा का जन्म हुआ था। यह हिन्‍दुओं के प्रमुख त्‍योहारों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्‍णु ने धर्म की रक्षा के लिए श्रीकृष्‍ण के रूप में आठवां अवतार लिया था, जो की इस सम्पूर्ण सृष्टि के लिए बहुत जरुरी था |

Letsdiskuss
 
इस दिन घरों और मंदिरों में भजन चलते रहते हैं, सभी लोग नाचते गाते और झूमते है। यहाँ तक की सभी मंदिरों को जबरदस्त तरीके से संजाया जाता है और स्‍कूलों में श्रीकृष्‍ण लीला का मंचन होता है।
 
आइए आपको बतातें है जन्माष्टमी 2019 तिथि व मुहूर्त -
 
- 24 अगस्त 2019
- निशिथ पूजा– 00:01 से 00:45
- पारण– 05:59 (24 अगस्त) सूर्योदय के पश्चात
- रोहिणी समाप्त- सूर्योदय से पहले
- अष्टमी तिथि आरंभ – 08:08 (23 अगस्त)
- अष्टमी तिथि समाप्त – 08:31 (24 अगस्त)
 
 
जन्माष्टमी व्रत व पूजन विधि -
 
1. इस व्रत में अष्टमी के उपवास से पूजन और नवमी के पारणा से व्रत की पूर्ति होती है।
 
2. इस व्रत को करने वाले को चाहिए कि व्रत से एक दिन पूर्व (सप्तमी को) हल्का तथा सात्विक भोजन करें।
 
3. उपवास वाले दिन प्रातः स्नानादि कर के आप सभी देवताओं को नमस्कार करके पूर्व या उत्तर को मुख करके
बैठें।
 
4. उसके बाद आप हाथ में जल, फल और पुष्प लेकर संकल्प करके मध्यान्ह के समय काले तिलों के जल से स्नान (छिड़ककर) कर देवकी जी के लिए प्रसूति गृह बनाएँ।
 
5. साथ ही भगवान श्रीकृष्ण जी को स्तनपान कराती माता देवकी जी की मूर्ति या सुन्दर चित्र की स्थापना करें। पूजन में देवकी, वासुदेव, बलदेव, नन्द, यशोदा और लक्ष्मी जी इन सबका नाम क्रमशः लेते हुए विधिवत पूजन करें।
 
6. यह व्रत रात्रि बारह बजे के बाद ही खोला जाता है। इस व्रत में अनाज का उपयोग नहीं किया जाता। फलहार के रूप में कुट्टू के आटे की पकौड़ी, मावे की बर्फ़ी और सिंघाड़े के आटे का हलवा बनाया जाता है।

 

0 Comments