जैसा कि 18 अगस्त 2018 को पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने शपथ ली हैं | भारत और पाकिस्तान के बीच पकिस्तान की तरफ सेहमेशा से ही नफरत का रिश्ता रहा हैं | अगर कभी भारत ने रिश्ते सुधारने की कोशिश की भी हैं, तो पाकिस्तान ने कुछ न कुछ ऐसा किया जिससे कभी रिश्ते सुधर नहीं पाए |
भारत की शांति के बदले हमेशा आतंक ही दिया हैं | लगता हैं, पकिस्तान की धरती नेसिर्फआतंक और आतंकियों को जन्म दिया हैं | इंसान और उसकी इंसानियततो जन्मीही नहीं वहाँ पर, भारत की शांति प्रस्ताव के बदले सिवा दंगों के कुछ नहीं दिया | मगर जब भी भारत से भिड़ने की कोशिश की हैं, पकिस्तान को सिवा हार के और कुछ नहीं मिला | भारत से भिड़ने ले बदले पाकिस्तान को हमेशा हार का मुँह हीदेखना पड़ता हैं, फिर भी पाकिस्तान न जाने क्यों बार-बार वही ग़लती करता हैं |
अब इस ख़बर को ही देख लीजिये, अब पकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर मुद्दे में अब भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को कहा "मोदी जी आइए बातचीत करें"
अब इसको हम क्या समझें, पकिस्तान की तरफ से तो ये शांति प्रस्ताव हो नहीं सकता, क्योकि पकिस्तान अमन की राह से कोसो दूर हैं | मगर चलिए विदेश मंत्री द्वारा की गई ये एक पहल हैं, अगर वाकई में पाकिस्तान अमन की चाह रखता हैं, तो यही सही |
एक ख़बर के अनुसार सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद ने कहा "भारत और पाकिस्तान, दोनों ही देश परमाणु संपन्न हैं | मैं पीएम मोदी से कहना चाहूंगा कि दोनों ही देश हम साये हैं | हम रूठ कर एक दूसरे से मुंह नहीं फेर सकते | भारत और पाकिस्तान की समस्याएं एक जैसी हैं "
अब देखना ये हैं, कि क्या होता हैं | पकिस्तान पर भरोसा करना सही तो नहीं होगा, मगर पकिस्तान की तरफ से आये इस प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता हैं |
(Courtesy : NewsroomPost )